ग़ाज़ीपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी एक बेहतर पहल की है। उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद के तहत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों को अगले शैक्षणिक सत्र से प्री-प्राइमरी स्कूलों में बदलने का निर्णय लिया है। इन स्कूलों में तीन साल से ऊपर बच्चों को कक्षा-एक में दाखिला किया जाएगा। हालांकि वर्तमान में पाँच वर्ष तक के बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाता है। इसी के मद्देनजर जनपद में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने इस नई पहल को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं जिसके लिए जनपद के प्रत्येक ब्लाकों के पाँच-पाँच आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल के रूप में बनाया गया। जहां पर आंगनबाड़ियों को प्रशिक्षण दिया गया था। प्रशिक्षण दिए जाने का अब असर जनपद गाजीपुर के मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों पर देखने को मिल रहा है।
शहर परियोजना के मॉडल आगनबाडी केंद्र विशेश्वरगंज जिसका संचालन अंजू कुशवाहा के द्वारा पिछले 10 सालों से किया जा रहा है । पिछले दिनों अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन के तहत उनके केंद्र को मॉडल आगनबाडी केंद्र चुना गया। और उन्हें प्रशिक्षण दिया गया था। जिसके बाद से उन्होंने इस तरह के प्रशिक्षण पर जोर दिया और उसके बाद से ही बच्चों के संख्या में लगातार इजाफा होने लगा । अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन के तहत स्कूल जाने से पूर्व बच्चों को स्कूल जाने के लिए कुछ इस तरह से खेल खेल में शिक्षित किया कि वह स्कूल से भागने की बजाय अब घर पर स्कूल जाने की जिद करें और ऐसा ही देखने को मिल रहा है । इस आंगनबाड़ी केंद्र पर आए हुए हुए बच्चे जिन्हें किताब और बैग के बोझ से निजात देकर उन्हें स्कूल आने से लेकर और घर जाने तक सिर्फ खेल ही खेल सिखाया जाता है। आज जब हम पहुंचे तो देखा कि यहां पर बच्चे गोलाई में खड़े होकर नीचे जमीन पर बने अक्षरों को पहचानने के लिए गोल गोल घूम रहे हैं और आगनबाडी के द्वारा अचानक से बताए गए शब्द को सुनकर उन घरों में प्रवेश कर जा रहे हैं। और जो बच्चा नहीं प्रवेश कर रहा है वह खेल से बाहर हो जा रहा है। इसके पश्चात हमने देखा कि आंगनवाड़ी के द्वारा कुछ फलों के कार्ड बनाए गए हैं जिन्हें बच्चों को दिखलाकर पूछा जा रहा है कि यह कौन सा फल है। और बच्चे तपाक से उन फलों का नाम ना सिर्फ हिंदी में नही बल्कि अंग्रेजी में भी बता रहे हैं। साथ ही इनके द्वारा बच्चे कैसे सुंदर दिखे इसको भी खेल के माध्यम से हुई ना सिर्फ सुंदर दिखने के सोच पैदा कर रही है बल्कि उनके शरीर के अंगों के बारे में भी जानकारी दे रही हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन के तहत जनपद के 85 आंगनबाड़ी केंद्रों को माडल आंगनवाड़ी केंद्र बनाकर प्रशिक्षण दिया गया था। उसी प्रशिक्षण के क्रम में शहर परियोजना की आंगनबाड़ी अंजू कुशवाहा के द्वारा कई तरह के गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। जो विभाग के लिए मॉडल आंगनबाड़ी में भी शुमार हो चुकी हैं। जिन्हें सम्मानित करने के लिए जिला प्रशासन के पास प्रपोजल भी भेजा गया है। संभावना है की 26 जनवरी के अवसर पर जिलाधिकारी के हाथों उन्हें सम्मानित भी विभाग कराएगा।