सुहवल । सिंचाई विभाग के आगे किसान खुद को पूरी तरह से बेबस महसूस कर रहे है । एकबार पुन: विभागीय लापरवाही सामने आई शनिवार की रात्र को करीब छह किमी लंम्बी अधियारां सुगवलियां बडौरा माईनर में बेवजह पूरी क्षमता से पानी छोडे जाने से कई गावों के दर्जनों किसानों की करीब पच्चास वीघे की विभिन्न तरह की गेंहू,मटर, चना, सरसों, प्याज,गन्ना शाक-सब्जी आदि
फसलें जलमग्न हो गई ।
इसकी जानकारी किसानों को उस वक्त हुई जब सुबह लोग अपने खेतों की तरफ पहुंचे देखा की उनकी फसलें पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है, तत्काल किसानों ने इसकी सूचना विभाग को देने के साथ ही अन्य अधिकारियों को दी, सूचना पर आननफानन में माईनर में पानी बन्द कर दिया गया, लेकिन तब तक फसलें जलमग्न हो चुकी थी, इधर किसानों ने विभागीय लापरवाही को लेकर जलमग्न फसलों के मुआवजे की मांग की हैं ।यही नहीं माईनर का पानी सुगवलिया गाँव के काफी नजदीक पहुँच गया है जिसके कारण गाँव के लोग काफी चिन्तित नजर आ रहे है । क्षेत्र झूलन राम , भुकेन राम , प्रेम , रामप्यारे , रामबिलश यादव, रामाधार यादव, रामजन्म यादव , मोती यादव, शेषनाथ , हरिनाथ यादव, मन्नन यादव , लोकनाथ ,रामअवध ,, रमाकांत यादव, तिलेश्वर यादव,रमेश यादव, रविन्द्र यादव आदि लोगों की फसलें पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है, जिसके कारण उनके वर्ष भर की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है, यही नहीं इसके चलते उनके परिवारों के समक्ष आर्थिक संकट भी खडा होने का डर सता रहा है, उक्त किसानों ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है इसके पहले भी कई बार उनकी फसलें विभागीय लापरवाही का शिकार हो चुकी है, शिकायतों के बावजूद उनके समस्याओं का न तो आज तक निदान हुआ, नहीं उनकी जलमग्न फसलों का मुआवजा ही मिला, किसानों ने चेताया कि अगर उनके बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिला तो किसान आंदोलन को बाध्य होगें जिसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग की होगी ।किसानों ने कहा कि धान के मौसम में विभाग से पानी के लिए गुहार लगाते लगाते उनके जूते घिस जाते है, लेकिन पानी समय से नहीं मिल पाता जिससे की फसलें बर्बाद हो जाती है ।वहीं गेंहू के मौसम में असमय पानी वह भी पूरी क्षमता से देने का नतीजा सबके सामने है, आहत किसानों ने अपनी बर्बाद हुई फसलों की भरपाई विभागीय कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन से करने की मांग की है ,कहा कि इस माईनर की खुदाई साफ सफाई न होने, पटरी का निर्माण न होने कर्मचारियों के द्वारा सीजन में खेतों का निरीक्षण घर व आफिसों में ही बैठकर करने का आरोप लगाया, कहा कि इसी कारण आज किसान अपनी वर्ष भर की मेहनत पर पानी फिरता व फसलों को बर्बाद होते देखने के सिवा कुछ नहीं कर सकते है ।इस मामलें में ताडीघाट रजवाहा के सहायक अभियंता अजय श्रीवास्तव ने कहा कि सूचना पर तत्काल प्रभाव से प्रथम दृष्टगत माईनर में पानी को बन्द करा दिया गया है किसानों का आरोप की क्षमता से अधिक मात्रा में पानी छोडे जाने का तो आरोप उनका बेबुनियाद है, विभाग समय-समय पर नहरों की मानरिटिंग करता है ।मौके पर विभागीय लोगों को भेंजा गया है ।