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गोवंश आश्रय स्थल पर गोवंश चोरी का प्रयास विफल

जमानियां। नगर स्थित अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल पर रखे पशुओं को चोरी से ले जा रहे लोगों की भनक लगने पर स्थानीय लोगों एवं कर्मचारी की सुझबुझ से गोवंश बच गये। घटना की तहरीर कोतवाली में दी गयी। पुलिस ने जांच में जुटि है।

पशु चिकित्सालय पर बनाये गये अस्थाई गो–वंश आश्रय स्थल पर कुल 97 गोवंशों को रखा गया है। जिसमें से 14 गाय है। नगर पालिका कर्मचारी संजीत रावत के तहरीर के अनुसार बीत रात करीब एक बजे अज्ञात पांच लोग आये। ठंड की वजह से कर्मचारी कमरे में था। पहले इन लोगों ने कमरे को बाहर से बंद कर दिया फिर आश्रय स्थल पर बांधे गये गोवंशों को खोल कर ले जाने लगे। आवाज सून कर कर्मचारी बाहर निकलना चाहा तो दरवाजा बाहर से बंद था। जिस पर कर्मचारी सहित आस पास के लोगाें ने शोर मचाने लगा। आवाज सून कर गोवंशों को ले जा रहे लोग मवेशियों को छोड़ कर भाग निकले। कर्मचारी ने रात्रि को ही पशु चिकित्साधिकारी‚ कर निरीक्षक को घटना से अवगत कराया और जब बाहर से बंद दरवाजा को खोला गया तो आश्रय स्थल के मवेशी बाहर खुम रहे थे। जिसे पकड़ कर वापस स्थल में बंद किया गया। रात्रि को ही सभासद उद्धव पाण्डेय मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। जिस पर मौजूद संजीत ने अवगत करया कि इससे पूर्व भी इस प्रकार की घटना करीब चार से पांच बार हो चुकी है लेकिन किसी ने पुलिस को सूचना नहीं दी है। जिस पर सभासद ने गुरूवार को प्रभारी से वार्ता की तो आश्रय स्थल के प्रभारी विजय शंकर राय ने पूरे घटना की तहरीर कोतवाली में दी गयी। कर निरीक्षक विजय शंकर राय ने बताया कि आश्रय स्थल के उत्तर ओर का दिवार गिरा हुआ है। जिसका फायदा उठा कर कुछ लोग आश्रय स्थल में दाखिल हो गये थे लेकिन एक भी गोवंश ले जा नहीं सकें। इस संबंध में कोतवाल राजीव कुमार सिंह ने बताया कि प्रार्थना पत्र मिला है। जिसकी जांच की जाएगी। हल्का प्रभारी को गश्त बढ़ाने का निर्देश दिये गये है।