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राजा का कर्त्तव्य अपनी प्रजा के सुख शांति समृद्धि के लिए निरंतर प्रयास

जमानिया। क्षेत्र के देवरिया ग्राम स्थित सिद्धेश्वर शक्ति पीठ में आयोजित राम चरित मानस पाक्षिक सत्संग में कथा अमृत पान कराते हुए पं.चंद्रेश महाराज ने कहा कि राजा का कर्त्तव्य है कि वह अपनी प्रजा के सुख शांति समृद्धि के लिए निरंतर प्रयास करता रहे।

गांव, नगर और महानगरों में ऐसी व्यवस्था राजा के द्वारा की जानी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति अन्न के अभाव में बिना भोजन किए न रहे। यदि प्रजा वर्ग को कष्ट होगा तो राजा को अवश्य ही नर्क में अपार कष्ट झेलना पड़ेगा। महाराज जी ने आगे कहा कि समाज में जिसको जो स्थान मिला है,यथा शिक्षक, डाक्टर, इंजिनियर, पुलिस, राजनेता अथवा अन्य किसी भी प्रकार की जिम्मेवारी जिस किसी को प्राप्त हुआ है वह उस कर्त्तव्य को पूरी निष्ठा से पूजा जानकर करे तो समाज में हमेशा सुख शांति समृद्धि व्यापत रहेगी। सत्संग में संत विश्राम दास, कैलाश यादव, अशोक शर्मा आर्य,बुच्चा यादव और राधेश्याम चौबे ने भी कथा अमृत पान कराया। कथा मंच का संचालन विनोद श्रीवास्तव ने किया।