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कालाजार मरीज की पहचान के लिए दिया गया प्रशिक्षण

ग़ाज़ीपुर। कालाजार रोग लिशमेनिया डोनी नामक रोगाणु के कारण होता है। जो बालू मक्खी काटने से फैलता है। साथ ही यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार व अन्य विपरीत लक्षण शरीर में महसूस होने पर अविलंब जांच कराना अति आवश्क है। कालाजार का मक्खी नमी व अंधरे वाले स्थान पर ज्यादा फैलती है।

इन्हीं सब की जानकारी और कालाजार रोगियों की पहचान इलाज और रोकथाम को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रशिक्षण में शनिवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जी सी मौर्य ने किया। जिसमें पाथ संस्था के डॉ ज्ञानचंद और डॉ दीपक के साथ अरुण कुमार के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि गाजीपुर के 6 ब्लॉक मनिहारी, कासिमाबाद, मरदह, बाराचवर, गोडउर और मोहम्दाबाद के साथ ही मुख्यालय पर कार्य करने वाले एमवाईसी, मेडिकल अफसर, सेकंड मेडिकल अफसर, बीसीपीएम और एलटी को प्रशिक्षित करने का कार्य किया गया । जो अपने इलाके में कालाजार प्रभावित रोगियों की पहचान कर उसका इलाज और कालाजार रोकथाम कार्यक्रम का संचालन करेंगे।

उन्होंने बताया कि एक्टिव खोज सर्विलेंस अभियान जो साल में 4 बार चलाया जाएगा । जिसमें फरवरी के साथ ही मई और जून के माह में छिड़काव के साथ अभियान चलाया जाएगा साथ ही सितंबर अक्टूबर और दिसंबर माह में मैं भी यह अभियान चलेगा। जिसके लिए विभाग माइक्रो प्लान बना रहा है।

आज के प्रशिक्षण शिविर में अविनाश ,दीपक राय,केसी तिवारी ,डॉ के के भास्कर ,डॉ यश पाल के साथ ही तमाम लोग मौजूद रहे।