जमानिया। क्षेत्र के धान की फसल की कटाई देर से होने से किसान अपने धान को क्रय केन्द्रो में नहीं बेच पाये और सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य भी पूरा हो गया।
क्षेत्र में अब भी भारी संख्या में किसान मौजूद है। जिसके धान की खरीद अब तक नहीं हो पायी है। दरअसल अधिक किसानों तक यह लाभ नहीं पहुंचने का कारण है धान अधिप्राप्ति की लुंज-पुंज व्यवस्था। जब किसानों का धान खेत से खलिहान में आ जाता है तो उस समय सरकारी व्यवस्था तैयारी में जुटी रहती है। विलंब से जब अधिप्राप्ति शुरू की जाती है तो नमीं का पेंच फंसा दिया जाता है। क्रय केन्द्र किसानों से यह कहकर धान नहीं खरीद करते हैं कि मानक के अनुरूप धान में नमी नहीं है। परिणाम होता है कि विभागीय पेंच और खुद की जरूरत को देख किसान बिचौलियों के हाथों औने – पौने दामों पर ही अपने उत्पादन को बेचने में भलाई समझते हैं। इस संबंध में एसएमआई शैलेश यादव ने बताया कि धान की खरीद किसानों से पर्याप्त मात्रा में की गयी है। शासन के प्राप्त धान क्रय के लक्ष्य 5 हजार एमपी के सापेक्ष 6 हजार एमपी की खरीदारी की गयी है। जो लक्ष्य से अधिक है। ऑन लाईन कर जिस किसान ने टोकन प्राप्त किया सभी की खरीद की गयी है।