जमानिया क्षेत्र के सब्बलपुर रामलीला मैदान में आयोजित पंचदिवसीय संगीतमय श्रीरामकथा में कथा अमृत पान कराते हुए कथावाचिका वंदना शास्त्री जी ने कहा कि भगवान का अवतार अपने भक्तों के लिए होता है और आज भी प्रभु अवतार लेने के लिए आतुर हैं परन्तु कोई कौशिल्या, यशोदा जैसी मां की गोद नहीं मिल रहीऔर चक्रवर्ती सम्राट दशरथ एवं नंद बाबा जैसे प्रेमी भक्त को अभी तक नहीं मिल रहा है। दशरथ जी को जब ग्लानी हुई और धर्म की हानी हुई तब परमात्मा धराधाम पर अवतरित हुए। कलियुग में परमात्मा की कथा और नाम की प्रमुखता है, यदि हम चाहते हैं कि परमात्मा हमारे जीवन में अवतरित हों तो सर्वप्रथम हमें परमात्मा की कथा का अथवा नाम का आश्रय लेना पड़ेगा और जब कथा एवं नाम में प्रेम पक्का हो जाएगा तब हमारा जीवन बदल जाएगा। सत्संग में साध्वी अराधना ,बुच्चा यादव,दीप नरायन शास्त्री एवं चंद्रेश महाराज ने भी कथा अमृत पान कराया। कथा मंच का संचालन रामदत्त यादव ने किया।
भगवान का अवतार अपने भक्तों के लिए – वंदना शास्त्री
- by बृजेश राय