गाजीपुर। अपर जिलाधिकारी भू-राजस्व ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कृषको की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांग होने की स्थिति मे उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कृषक दुर्धटना कल्याण योजना संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
यह योजना उ0प्र0 के निवासी ऐसे कृषको के लिए जो दुर्घटनावश मृत/दिव्यांग हो जाते है। कृषक का तात्पर्य राजस्व अभिलेखों अर्थात खतौनी मे दर्ज खातेदार/सहखातेदार,खातेदार/सहखातेदार के परिवार के ऐसे कमाऊ सदस्य जिनकी आजीविका का मुख्य श्रोत खातेदार सहखातेदार के नाम दर्ज भूमि से होने वाली
कृषि आय है। अथवा ऐसे भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर अथवा बटाई पर कृषि कार्य करते है तथा जिनकी जीविका का मुख्य साधन ऐसे पट्टे अथवा बटाई पर ली गयी भूमि पर कृषि कार्य है। पट्टेदार के अन्तर्गत असामी पट्टेदार,सरकारी पट्टेदार, तथा निजी पट्टेदार सम्मिलित होगे। इस योजना मे भू-स्वामी या उनके वारिस/विधिक वारिस से इस आशय का प्रमाण पत्र लिया जायेगा कि दुर्घटना मे मृत अथवा दिव्यांग होने वाले व्यक्ति क्षरा दुर्घटना के फसली वर्ष मे उनकी जमीन पर बटाई पर कृषि कार्य किया गया है अथवा भू-स्वामी उपलव्ध न होने पर ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अपने हस्ताक्षर, मुहर से दिया गया इस आशय का प्रमाण पत्र कि उक्त प्रभावित व्यक्ति दुर्धटना के फसली वर्ष मे भूमिधर व्यक्ति की भूमि पर बटाइदार था। कृषक की मृत्यु/दिव्यांगता की तिथि को उसकी आयु 18 से 70 वर्ष तक हो। यदि आग लगने, बाढ, बिजली गिरने, करेन्ट लगने, सांप के काटने, जीव जन्तु/जानवर द्वारा काटने/मारने/आक्रमण से, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं मे डूबने, आधी-तुफान, वृक्ष के गिरने/दबने, मकान गिरने, रेल/रोड/वायुयान/अन्य वाहन आदि से दुर्घटना, भू-स्खलन, भूकंप, गैस रिसाव, विस्फोट, सीवर चैम्बर मे गिरने अथवा अन्य किसी कारण से कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता होती है तो कृषक/विधिक वारिस/वारिसों को इस योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता अनुमन्य होगी। इस योजना के अर्न्तगत
कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा मे अधिकतम रू0 500000.00 (रू0 पांच लाख मात्र) की सहायता राशि देय होगी जो कि राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी। मृत्यु अथवा पूर्ण शारीरिक अक्षमता की स्थिति मे 100 प्रतिशत, दोनो हाथ अथवा दोनो पैर अथवा दोनो आंखो की क्षति पर 100 प्रतिशत, एक हाथ तथा एक पैर की क्षति पर 100 प्रतिशत,एक हाथ या एक पैर या एक आंख की क्षति पर 50 प्रतिशत स्थायी दिव्यांगता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर किन्तु 100 प्रतिशत से कम होने पर 50 प्रतिशत एवं स्थायी दिव्यांगता 25 प्रतिशत से अधिक होने पर किन्तु 50 प्रतिशत से कम होने पर 25 प्रतिशत राशि दी जायेगी।
यदि कोई कृषक मृत्यु/दिव्यांगता की तिथि को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना मे बीमित है तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा किसी भी अन्य योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता से आच्छादित है तो उसकी दुर्घटनावश मृत्यु दिव्यांगता की दशा मे सामान्य रूप से उसके विधिक वारिस/वारिसों/स्वयं कृषक को इन योजनाओं के अन्तर्गत प्राप्त सहायता की धनराशि को समायोजित करते हुए अन्तर की धनराशि देय होगी। दुर्घटना की दशा मे आर्थिक सहायता पाने हेतु निम्न दस्तावेजो की आवश्यकता होगी जिसमे खतौनी की प्रमाणित प्रति, आयु प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट अथवा जहां पर पोस्ट मार्टम सम्भव नही है वहां पर पंचनामा, मृत्यु प्रमाण पत्र, दिव्यांगता की स्थिति मे मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र,बैंक पास बुक की छायाप्रति, मो0नं0 एवं आधार नंम्बर प्रस्तुत करना होगा।