ग़ाज़ीपुर। राष्ट्रीय अंधता एवं दृष्टि छिनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ऐसे मरीज जिनकी आंखों में मोतियाबिंद के लक्षण दिखाई देते हैं उनका निशुल्क इलाज एवं ऑपरेशन कराया जाता है । जिसको लेकर 1 मार्च से 15 मार्च के मध्य विशेष पखवाड़ा चलाकर मोतियाबिंद के ऑपरेशन कराए जा रहे हैं। जिस के क्रम में अब तक विभिन्न अस्पतालों के माध्यम से 213 ऑपरेशन कराए जा चुके हैं।
नोडल अधिकारी और एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि सहेडी गांव स्थित शम्मे गौसिया मेडिकल कॉलेज में हेल्थ सोसाइटी मुगलसराय के द्वारा प्रत्येक शनिवार और रविवार को ऑपरेशन किए जा रहे हैं। जिसमें अब तक 135 मरीजों का ऑपरेशन किया गया है । वहीं मां दुलेश्वरी नेत्र चिकित्सालय आमघाट डॉ एके राय के द्वारा 16, एम एस हॉस्पिटल दिलदारनगर डॉ माधव मुकुंद के द्वारा 35, और जिला चिकित्सालय गोरा बाजार में 27 ऑपरेशन किया गया है । वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरुईन और सैदपुर में भी आने वाले दिनों में ऑपरेशन किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि दिसंबर 2018 में भी पखवाडा चला था जिसमें 638 मरीजों का निशुल्क ऑपरेशन किया गया था ।इसके साथ ही मार्च 18 से मार्च 19 के मध्य कुल 8734 मोतियाबिंद के निशुल्क ऑपरेशन किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि हमारी आंखों को प्रभावित करने वाले मुख्य रोग हैं मोतियाबिन्द, ग्लूकोमा, आयु से संबंधित मैक्यूलर निम्नीकरण, भेंगापन, डिटेच्ड रेटिना, मायोपिया और हाइपरमेट्रोपिया। चूंकि आंखें हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं अत: यह महत्वपूर्ण है कि इन्हें स्वस्थ और रोग मुक्त रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
सरकार ने वर्ष 1976 में अंधता को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रारंभ किया ताकि कुल जनसंख्या का 0.3 प्रतिशत की व्यापकता दर प्राप्त की जा सके। अंधता को नियंत्रित करने के लिए, देश भर में जिला स्तर पर अंधता नियंत्रण संस्थाओं को भी स्थापित किया गया है तथा कई गैर सरकारी संगठन भी भारत में अंधता नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।