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हत्यारोपियों को लिया रिमांड पर

सुहवल। थाना अन्तर्गत ढढनी गाँव में बीते दिनों नवविवाहिता राजकुमारी 21 की हत्याकर शव गायब करने के मामलें में नवविवाहिता के शव को बरामद करने के लिए पुलिस के द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल रिमांड याचिका बीते शुक्रवार को शाम 6 बजे से अगले दिन आज शनिवार को रात्रि 12 बजे तक के लिए मंजूर होने के बाद पुलिस ने जिला जेल में निरुद्ध पति अखिलेश एवं श्वसुर रामाशंकर को कडी सुरक्षा में करीब 30 घंटे की रिमांड पर लेकर थाने पहुंची।

,इसके उपरांत पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस जमानियाँ स्थित दैत्रावीर.बाबा गंगा तट पहुँची जहाँ गोताखोरो के सहयोग से जाल डालकर शव को बरामद करने का काफी प्रयास किया, साथ अगल बगल के लोगों से भी पूछताक्ष की लेकिन सफलता नहीं मिली, इसके बाद पुलिस ने रिमांड की अवधि पूरा होने से पहले ही दोनों आरोपियों का देर शाम को जिलाचिकित्सालय में मेडिकल मुआयना कराने के बाद जिला कारागार में दाखिल करा दिया । मालूम हो कि ताडीघाट निवासी एवं मृत नवविवाहिता के भाई धरमेन्द्र ने पुलिस को दिए गये तहरीर में बताया था कि उसके बहन की शादी बीते 26 जनवरी 2020 को कोर्ट मैरिज के साथ हुआ, इसके उपरांत कुछ दिनों नाद ही 1 फरवरी को पूरे हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार धूम-धाम से ढढनी स्थित मां चंडीगढ़ देवी मन्दिर पर शादी संम्पन्न हुई , लेकिन शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज को लेकर उसे आए दिन प्रताडित करते रहते थे, उसने बताया कि बीते 14 फरवरी को उसे जानकारी मिली कि उसकी बहन की हत्याकर ससुराल वाले शव को गायब कर दिए है, उसके बहन की ससुराल पहुंचा तो दरवाजा बन्द कर सभी फरार थे शक यकीन में तब्दील होने पर भाई धरमेन्द्र ने थाने में पति सहित छह लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए शव को गायब करने का मुकदमा पंजीकृत कराया था ।
इधर पति ,सास एवं श्वसुर जिला जेल में निरुद्ध है जबकि शेष तीन अन्य आरोपी अभी फरार चल रहे है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस संम्भावित जगहों पर दबिश दे रही है । इस मामलें में प्रभारी निरीक्षक संजय वर्मा ने बताया कि आरोपियों की रिमांड याचिका मंजूर होने पर उन्हें कडी सुरक्षा के बीच जिला कारागार से लाया गया जहाँ उनके निशानदेही पर जमानियाँ स्थित दैत्राबीर बाबा गंगा में गोताखोरों के जरिए शव को बरामद करने का प्रयास किया गया, लेकिन शव बरामद नहीं हो सका, इसके उपरांत रिमांड की अवधि पूरा होने से पहले ही आरोपियों का मेडिकल मुआयना कराने के बाद उन्हें जिला कारागार में दाखिल करा दिया गया ।