ग़ाज़ीपुर। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किये गए लाक डाउन के दौरान भी क्षय रोगियों के उपचार को निर्बाध रूप से जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं ।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि क्षय रोग निवारण सम्बन्धी सुविधाओं को निरंतर जारी रखना बहुत ही जरूरी है ताकि क्षय रोग से होने वाली जटिलताओं व मृत्यु पर नियंत्रण रखा जा सके ।
पत्र में कहा गया है कि लाक डाउन की स्थिति को देखते हुए सभी क्षय रोगियों को एक-एक महीने की दवा दी जाए । दवा का सेवन सुनिश्चित करने और दवा के एडवर्स ड्रग रिएक्शन पर नजर रखने के लिए निरंतर फोन कॉल/व्हाट्सएप/ वीडियो कॉल के जरिये संपर्क रखा जाए । उपचारित क्षय रोगियों का फालो-अप भी किया जाए । संदिग्ध क्षय रोगियों की जांच सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जारी रखी जाए । सभी माइक्रोस्कोपी सेंटर, सीबीनाट प्रयोगशाला और कल्चर एंड डीएसटी लैब का काम चालू रखा जाए । सैम्पल कलेक्शन, हैंडलिंग व सैम्पल ट्रांसपोर्टेशन के लिए सभी मानकों का पालन किया जाए ।
एसीएमओ डॉ के के वर्मा ने बताया की कोविड-19 वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भी सभी मानकों का सख्ती से पालन किया जाए । मास्क का प्रयोग, हाथ धोने, हैण्ड सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंशिंग और बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाए । प्रयोगशाला में जाँच और इलाज के दौरान पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई), एन-95 मास्क और दस्ताने का इस्तेमाल जरूर करें । इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह मिलने वाली 500 रूपये उनके बैंक खाते में भेजी जाती रहे । सभी सूचनाओं को निक्षय पोर्टल और निक्षय औषधि पोर्टल पर अपडेट किया जाए । यह भी सुनिश्चित करें कि इस दौरान औषधियों की कोई कमी न होने पाए । इस पर भी नजर रखें कि निजी क्षेत्र से इलाज करा रहे रोगियों की सेवाएं भी निर्बाध रूप से चलती रहें ।
जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया कि अप्रैल 2019 से अब तक 4138 टीबी के मरीज हैं जिसमें से 1994 मरीजों को उनके खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा चुका है।