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स्वयंसेविका शना परवीन ने की रमज़ान पर अपील

जमानियां। रमज़ान के पाक महीने की शुरुआत आज हो गयी है।इस वर्ष कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के बीच इबादत करनी है। परिस्थितियां कहती हैं कि सोशल डिस्टैंसिंग रखना ज़रूरी है जबकि पूर्व में हम पूरे भाई चारे के साथ सामूहिक नमाज पढ़ने एवं एक दूसरे के गले मिलने के आदती रहे हैं लेकिन हां इस रमजान के दौरान देशभर की मस्जिदों में इस बार तस्वीरें अलग ही दिखेंगी।इसकी वजह है कोरोना वायरस की भयावहता।

यही वजह है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय समेत मुस्लिम संस्थानों की ओर से मुस्लिम संमुदाय के लोगों से घरों पर ही रहकर इबादत करने की अपील की गयी है। फिलहाल अभी देशभर में 03 मई तक लॉकडाउन है और धार्मिक स्थलों पर जाने से मनाही है।ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि हम देश के जिम्मेदार नागरिक की भांति अपने- अपने घरों में ही तरावीह पढ़े और इबादत करें। मेरी मुस्लिम भाई बहनों से अपील है कि रमज़ान में सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करें।यह हमारी मानव जाति के लिए सामयिक परिस्थितियों में अपरिहार्य है।इस पाक महीने को जकात के लिए भी मुफीद माना गया है ऐसे में हम अल्लाह ताला की इबादत के साथ यतीम मजलूमों की खिदमत में अधिक से अधिक जकात करें। इस बार से ज्यादा अच्छा अवसर गरीब लोगों की मदद का आज तक हमें नहीं मिला होगा ऐसी मेरी मान्यता है।सरकार एवं स्थानीय प्रशासन के निर्देशानुसार हम सभी को सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना है और गरीब,असहाय लोगों की मदद करनी है। रमजान के पवित्र महीने में हमारे धर्म गुरुओं ने भी लॉकडाउन,सोशल डिस्टैंसिंग व् अन्य दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करने पर सहमति दी है और ऐसा करना मानव जाति के हित में है।कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ने में अहम् भूमिका निभा रहे अपने डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों ,सुरक्षाबलों, प्रशासनिक अधिकारियों,सफाई कर्मचारियों के साथ सहयोग करने के लिए अपील की जा रही है।वास्तव में सभ्य समाज में ऐसी अपील करनी पड़े तो यह हमारे लिए शर्म की बात है।जो हमारा हित कर रहा हो उसका खैरमकदम न कर उस पर हमले करना हमें इंसान नहीं हैवान सिद्ध करता है।हमारी मिली जुली जिम्मेदारी है कि इन फ्रंट वारियर्स की हम इज्जत करें, उनके प्रति सम्मान करे और कृतज्ञता ज्ञापित करें। हमें आइसोलेशन सेंटरों को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों से सावधान रहने की जरूरत है।हमारी सभी खास व् आम से अपील है कि घरों में रहें ,सुरक्षित रहें और शांतिपूर्वक रमजान महीने में घरों में ही इबादत करें इसे यादगार बनाएं। मैं हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जमानियां गाजीपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयं सेविका हूँ और हमारी संस्था ने हमें सर्व धर्म समभाव की शिक्षा दी है।मेरे सभी शिक्षकों एवं कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ.अरुण कुमार सर एवं डॉ.अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री सर ने हमेशा इंसानियत का पाठ पढ़ाया है और सबके प्रति सदाशय रहने की सीख दी है।अपनी अपील में मैंने अपनी समझ और जानकारी में ऐसे किसी शब्द का प्रयोग नहीं किया है कि आपकी भावनाएं आहत हों फिर भी यदि आपको कुछ गलत लगे तो मुझे अपने परिवार कि छोटी सदस्या समझकर माफ़ कर दीजिएगा।आप सभी को हमारे महाविद्यालय की तरफ से रमजान की हार्दिक शुभकामनाएं।