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चॉकलेट और बिस्किट का बच्चों में हुआ वितरण

ग़ाज़ीपुर। भारत की प्राचीन परंपरा रही है कि जब किसी से अपनत्व की भावना दिखाना हो तो उसके लिए मीठा खिलाकर या देकर अपनत्व पैदा करते हैं। इसी परंपरा को मौजूदा समय में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के माध्यम से मंडलायुक्त वाराणसी दीपक अग्रवाल के द्वारा लॉक डाउन के दौरान दिखलाया जा रहा है। जिन्होंने ग्रामीण इलाकों के मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीब तबके के बच्चों के लिए 171 पेटी चॉकलेट और बिस्कुट भेजा है। जिसे विभाग के माध्यम से ग्रामीण इलाकों के बच्चों तक पहुंचा कर इनके चेहरों पर कुछ पल के लिए खुशियां लाना है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि विभाग के द्वारा लगातार पुष्टाहार वितरण का कार्यक्रम किया जा रहा है। इसके साथ ही विभाग के सीडीपीओ ,मुख्य सेविका के साथ ही जिलाधिकारी और एसडीएम के माध्यम से मलिन बस्तियों में रहने वाले और गरीब तबके के बच्चों के साथ ही लॉक डाउन में फंसे उन लोगों को चॉकलेट और बिस्किट का वितरण किया जा रहा है।जिनके चेहरे पर लाक डाउन की वजह से उदासी छाई हुई है।

आज इसी के तहत जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने छावनी लाइन स्थित एक कोरेनटाइन सेंटर पर पहुंचे जहां पर नेपाली मूल के 87 लोगों को रखा गया है । उन सभी लोगों को जिलाधिकारी ने राशन के साथ ही चॉकलेट का भी वितरण किया। और उन्होंने बताया कि इस तरह का चॉकलेट देने के पीछे एक ही उद्देश्य है कि वह कहीं से भी अपने को अलग न समझे इसी के लिए इस गंभीर परिस्थिति में भी मुंह मीठा कराकर अपनत्व की भावना पैदा करना है। वही करंडा परियोजना के मैनपुर ग्राम सभा के मुसहर बस्ती में आगनबाडी नीलम सिंह के द्वारा बच्चों में बिस्कुट का वितरण किया गया और बिस्कुट पाते ही इस बस्ती के बच्चों में एक अलग तरह की खुशी देखने को मिली।