सेवराई(गाजीपुर)। परिवार में रहने वालों का दिल टुटता है तो परिवार भी टूट जाता है। सवा अरब लोगों की बात करने वाली सरकार आज बदले की भावना से काम कर रही है। सवा अरब में सभी धर्मो के लोग आते है तो एक धर्म को मानने वाले लोगों के लिए केन्द्र व राज्य की सरकार दोहरा मापदण्ड अपना रही है। गोरखपुर में अजान हो सकता है तो गाजीपुर में क्यो नही। सरकार अपने कार्यकाल में एक बदनुमा दाग लगा रही है। सरकार को जाति, धर्म, लिंग के आधार पर कोई भेद-भाव नहीं करना चाहिए। इसलिए मस्जिदों में डेढ़ मिनट का अजान होना चाहिए।
उक्त बाते पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने बृहस्पतिवार को अपने आवास पर मिडिया के सम्मुख कही। सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखते हुए मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मस्जिद से डेढ मिनट के अजान से कोरोना वायरस का क्या ताल्लुक है यह बात मै गाजीपुर के जिलाधिकारी से मीडिया के माध्यम से पूछना चाहता हूं । उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शासन व प्रशासन अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है और मुस्लिम बंधुओं को आज़ान करने से रोका जा रहा है। उन्होंने साफ किया कि जिला प्रशासन सोची समझी रणनीति के तहत शासन के इशारे कर रहा है जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शासन प्रशासन समाजवादियों को मुर्दा समझने की भूल ना करें हम सरकार के निर्देशों व कानून का पालन करते हुए कोई भी धरना प्रदर्शन इसलिए नहीं कर रहे हैं कि सत्ता में बैठे लोग लोग यह न कहने लगे कि जमातियों के बाद अब समाजवादियों ने कोरोना वायरस फैला दिया। उन्होंने कहा कि अजान को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में भी वाद दायर किया जा चुका है। सरकार को यह भी याद दिलाते हुए कहा कि आदमी जिस दिन इस धरती पर आता है उसी दिन उसका अंत भी तय होता है तो सरकार का तो संविधान में ही गठन के साथ ही अंत का तिथि भी निश्चित कर दिया जाता है । पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह मीडिया के माध्यम से सरकार के तुगलकी फरमान को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि सरकार ऐसा काम करें कि सभी लोगों को यह महसूस हो कि सरकार सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का कार्य कर रही है। इस मौके पर पूर्व मंत्री प्रतिनिधि मन्नू सिंह , बबलू सिंह, जमशेद खान, अमरेंद्र सिंह, धर्मेंद्र पांडे आदि लोग उपस्थित रहे ।