जमानियां। कहते हैं कि गरीबी मान नहीं रखती। कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति में इधर-उधर मजदूरी करके अपना जीवन यापन करने वाले असंगठित श्रमिकों के सामने आज रोटी का बहुत बड़ा संकट है।
वास्तव में जिन लोगों के पास राशन कार्ड हैं या अपने मूल पैतृक स्थान पर हैं उनके लिए तो सरकार ने बहुत सारी व्यवस्था की है और उसका लाभ उन्हें बैंकों के माध्यम रुपयों के रूप से कोटेदारों के माध्यम से राशन आदि प्राप्त हो रहा है लेकिन जो माइग्रेटेड प्रवासी मजदूर हैं उनके जीवन की समस्याएं उस रूप में कम नहीं हो पाई हैं। उनके पास न तो कोई काम है और न आय का कोई साधन,ऐसी दशा में रोज खाने की सामग्री जुटाना बहुत ही संकट का काम है। धोबहां मिश्रौलिया इटवा सिद्धार्थनगर के बबलू,कल्लू, कृष्णा और सुरेश आदि आज हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय जमानियां गाजीपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री के आवास पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मुसहर बस्ती के पास डेरा डाल कर हम लोग रह रहे हैं।हमारी कुल 9 परिवारों की संख्या 22 से 25 है और खाने के लिए कुछ भी नहीं है।कार्यक्रम अधिकारी ने उन सबके लिए 50 किलो चावल 50 किलो आलू सरसों तेल मसाला हल्दी नमक आज की व्यवस्था दुकानदार को फोन करके कराया।वास्तव में जीवन की कठिनाइयां अपनी जगह थीं लेकिन जो रोज कमा कर खाने वाला वर्ग था कोरोना ने उसकी समस्याएं बढ़ा दिया है। हम अपेक्षा करते हैं कि आगामी 17 मई को लाक डाउन खत्म हो और ये प्रवासी मजदूर अपने गृह ग्राम तक जा सकें तथा ईश्वर तब तक इन्हें जीवनी शक्ति दें और संघर्षमय जीवन करने की कठिनाइयों से लडने की क्षमता प्रदान करें।खाद्य सामग्री वितरण में इमलिया, चंदौली निवासी अजय कुमार सिंह पिंटू व महाविद्यालय के भौतिकी प्रयोगशाला सहायक प्रदीप कुमार सिंह ने आर्थिक सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अरुण कुमार ने प्रवासियों से धैर्य रखने और खाद्य आवश्यकताओं पर पुनः संपर्क करने का अनुरोध किया।