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रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में हल्दी का विशेष महत्व

ग़ाज़ीपुर। भारतीय आयुर्वेद में हल्दी को विशेष दर्जा मिला है । लोगों के जीवन में हल्दी के अलग-अलग तरीके से महत्व भी बताये गए हैं । चाहे वह खानपान को लेकर हो या विवाह आदि शुभ कार्यों में। मौजूदा समय की बात करें तो कोविड-19 यानि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने में भी इसकी बड़ी भूमिका है क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने का काम करती है । यही कारण है कि इन्हीं गुणों को देखते हुए आयुष मंत्रालय ने भी टिप्स के रूप में दूध में हल्दी मिलाकर पीने की सलाह दी है।

एसीएमओ डॉ के के वर्मा ने बताया कि हल्दी वाले दूध के बहुत फायदे हैं. सर्दी-खांसी से दूर रखता है। हल्दी वाले दूध में मौजूद एंटीबायोटिक्स शरीर के फ्री रेडिकल सेल्स से लड़ते हैं। यही वजह है कि दूध में हल्दीद मिलाकर पीने से बदलते मौसम में होने वाली सर्दी-खांसी, गले की खरास और मौसमी बुखार से छुटकारा मिलता है ।
शरीर में अंदरूनी चोट लगने पर जब मां हल्दी मिलाकर दूध पीने के लिए कहती है, तो बच्चे इसको पीने से दूर भागते हैं, लेकिन हल्दी से टाइप-2 डायबिटीज़ तक ठीक की जा सकती है। भूलने की बीमारी का सामना करने वाले मरीजों के मस्तिष्क की गतिविधि को बेहतर बनाने में भी मदद करती है। हल्दी में मौजूद एंटीबायोटिक्स और दूध में मौजूद कैल्शियम दोनों मिलकर हड्डियों को मज़बूत बनाते हैं। इसीलिए किसी भी तरह के फ्रैक्चर होने पर इसे खासतौर पर पीने की सलाह दी जाती है। हल्दी में 6% करक्यूमिन होता है जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाता है।
क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी आनंद विद्यार्थी ने बताया कि हल्दी में कई गुण होते हैं। हल्दी एंटीसेप्टिक का काम करती है। घाव या इंफेक्शन को रोकने वाली एंटीबायटिक भी है । यह बैक्टीरिया को मारने का काम करता है और उसके प्रसार को भी रोक देता है। इस दौरान बैक्टीरिया कुछ दिनों पश्चात खत्म होना शुरू हो जाता है। यह एंटी हिस्टामिनिक एंटी एलर्जी होती है। साथ ही लोगों में यह भ्रांति है कि हल्दी जॉन्डिस के मरीजों को नहीं दी जानी चाहिए। जबकि प्रयोगों से साबित हो चुका है कि हल्दी के सेवन से पीलिया जैसे रोगों की चिकित्सा में यह बेहद लाभकारी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि हल्दी, वजन घटाने और डायबिटीज को कंट्रोल में रखने में मदद करती है। हल्दी का दूध मासिक धर्म के दर्द को कम करता है। इसे प्रसव के बाद जल्दी रिकवरी के लिए भी दिया जाता है। इसका एक और फायदा यह भी होता है कि स्तनपान कराने में भी मदद करता है । हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। अपने एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के चलते ही हल्दी आयुर्वेद में औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है ।
एसीएमओ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि हल्दी में मौजूद अमिनो एसिड अच्छी नींद में मदद करता है। यह मुंहासों या दानों से आपको बचाकर रखता है। इसके साथ ही साथ यह घावों को भरने में भी कारगर है। हल्दी दूध में मौजूद कैल्शियम और दूसरे मिनरल्स शरीर में मौजूद फैट को कम करते हैं।