गाजीपुर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि राजस्थान एवं पंजाब के कुछ क्षेत्रों में टिड्डी के प्रकोप के दृष्टिगत उ0प्र0 के राजस्थान एवं हरियाणा के सटे हुए जनपदों में टिड्डी के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है।
वर्तमान में यह टिड्डी दल उ0प्र0 के झांसी, ललितपुर एवं हमीरपुर जिले को अपनी चपेट में ले चुका है टिड्डी दल का प्रकोप महामारी स्वरूप ग्रहण कर लेता है। यह आवश्यक है कि प्रदेश में निरन्तर टिड्टी दल के आक्रमण की निगरानी की जाय। ताकि किसी भी स्तर के प्रकोप की दशा मे ससमय टिड्डी दल पर नियंत्रण पाया जा सके। टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में उसके नियंत्रण हेतु टिड्टी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम पंचायत अधिकारी के माध्यम से जिला प्रशासन तक तत्काल पहुंचाये, टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में एक साथ इकट्ठा होकर टिन के डब्बों, थालियों आदि को बजाते हुए शोर मचायें। शोर से टिड्डी दल आस-पास के खेतों में आक्रमण नही कर पायेंगे। बलुई मिट्टी टिड्डी के प्रजनन एवं अण्डे देने हेतु सर्वाधिक अनुकूल होता है। टिड्डी दल के आक्रमण से सम्भावित ऐसी मिट्टी वाले क्षेत्रों में जुताई करवा दें एवं जल का भराव करा दे। ऐसी दशा में टिड्डी के विकास की सम्भावना कम हो जाती है। टिड्डी दल के न्यूज/माध्यम प्रकोप की दशा में कृषक भाई एक साथ मिलकर क्लोरपायरीफास 20 प्रति0 ई0सी0अथवा लैम्डासाईहैलोथ्रीन 5 प्रति0 ई0सी0 का तिव्र छिड़काव करें। इसलिए टिड्डी दल के आक्रमण की दशा में लोकस्ट कंट्रोल आर्गेनाइजेशन फरीदाबाद को www//ppqs.gov.in पर एवं क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र, लखनऊ को फोन नं0 0522-2732063 एवं ई-मेल [email protected] पर सुचित करें ताकि प्रशिक्षित व्यक्तियों एवं समुचित यंत्रो के माध्यम से प्रभावशाली नियंत्रण कराया जा सके।