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कोरोना संक्रमण को बढ़ाने में मददकार साबित हो रहा तम्बाकू

ग़ाज़ीपुर। 31 मई को पूरे विश्व में तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसका एकमात्र देश आमजन को इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाए। लेकिन मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी चल रही है। जिसके चलते इस कार्यक्रम की महत्ता और बढ़ जाती है । क्योंकि तंबाकू, सुर्ती, बीड़ी, सिगरेट भी फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है। और कोरोनावायरस भी फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है। इसी को लेकर रविवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रशिक्षण भवन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में कोविड-19 महामारी को देखते हुए सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया। वर्कशॉप के मुख्य अतिथि पूर्व एसीएमओ डॉ आर के सिन्हा रहे।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ के के सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में जनपद में लगातार प्रवासी मजदूरों का आगमन हो रहा है। और इन्हीं प्रवासी मजदूरों में कोविड-19 के लक्षण ज्यादा मिल रहे हैं। इन सब के पीछे एकमात्र कारण कि इनमें से अधिकतर लोग सुर्ती खाने वाले होते हैं। जिसे किसी एक व्यक्ति के द्वारा बनाया जाता है और उसे खाने वाले कई लोग होते हैं। ऐसे में यदि संक्रमित व्यक्ति के द्वारा सुर्ती को बनाया गया होता है। तो सुर्ती के माध्यम से अन्य सभी व्यक्तियों में कोरोना आसानी से पहुंच सकता है।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि व पूर्व एसीएमओ डॉ आर के सिन्हा ने बताया कि सुर्ती खाने के पश्चात लोग सार्वजनिक स्थानों पर थूकते हैं। जिसके वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए यही सही समय है कि बीड़ी ,सिगरेट, सुर्ती आदि का त्याग करें और खुद और अपने परिवार को कोरोना संक्रमण से बचाएं।

एसीएमओ डॉ केके वर्मा ने बताया कि सिगरेट,बीड़ी सुर्ती आदि से फेफड़ा संक्रमित होता है । और कोरोना वायरस भी फेफड़ों को संक्रमित करता है। इससे तंबाकू का प्रयोग करने वालों को मौजूदा वक्त में दोहरा खतरा है । जिससे इसका अटैक होने पर जान बचा पाना भी मुश्किल है।

आज के वर्कशॉप में डीपीएम प्रभुनाथ,एसीएमओ डॉ उमेश कुमार, डॉ मिथिलेश सिंह,अमित राय के साथ ही सभी ब्लाकों के बीपीएम,बीसीपीएम ,आरबीएसके से संबंधित कर्मचारी और क्षय रोग विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।