गहमर(गाजीपुर)। लाखों की तादात में प्रवासी मजदूर महानगरों को छोड़ अपने गृह जनपद गाजीपुर लौट रहे हैं। ऐसे में जनपद प्रशासन उन्हें क्वारंटीन सेंटर भेजने के बजाय होम क्वारंटीन की हिदायत देकर अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। जिसका परिणाम यह है कि कोरोना मामलों में शुन्य हो चुका जनपद अचानक से सुर्खियों में आ गया है।
विगत 15 दिनों से प्रवासी मजदूरों का आगमन जनपद में शुरू हुआ है तब सौ के करीब कोरोना पाजिटिवो की शिनाख्त हो चुकी है जिनमें अधिकांशतः कोरोना वाहक वही प्रवासी मजदूर है जो महानगरों से जनपद को लौटे हैं।फिर भी जिला प्रशासन इन मामलो में अपनी लापरवाही से बाज नही आ रहा। सच्चाई तो यह है कि विभिन्न माध्यमों गाजीपुर को लौटे प्रवासियों का कोई सही आंकड़ा प्रशासन के पास है ही नही। ग्रामीणों ने बताया कि हमने अगर प्रशासन को इसकी जानकारी देनी भी चाही तो प्रशासन होम क्वॉरेंटाइन का हवाला दे मामले को रफा-दफा कर दीया। जबकि सच्चाई यह है कि होम क्वॉरेंटाइन के नाम पर प्रवासी खुलेआम गांव बाजारों में तफरी कर रहे हैं। जनपद में अधिकांश क्वॉरेंटाइन सेंटर तो बने हैं पर वहां प्रवासियों की संख्या नगण्य ही है। चाहे वजह उनमें मूलभूत सुविधाओं का अभाव हो या प्रशासनिक लापरवाही हो। संक्रमण के बारे में अनभिज्ञता और छोटे घर में बड़ा परिवार भी होम करण टाइम को सफल बनाने के लिए पर्याप्त है कुछ प्रवासी घर से नहीं भी निकल रहे हैं तो उनके घर वाले पूरे गांव में घूम रहे है। ऐसे में उनके संक्रमित होने की आशंका से ग्रामीणों में भय का माहौल है अगर प्रशासन का रवैया प्रवासी मजदूरों को लेकर ऐसा ही रहा तो जनपद में बेलगाम भर्ती कोरोना संक्रमित की संख्या थकती नहीं दिख रही है।
इस बाबत उपजिलाधिकारी सेवराई विक्रम सिंह ने बताया कि प्रवासियों को होम क्वॉरेंटाइन रहने की हिदायत के साथ ही उन्हें 14 दिन की राशन सामग्री दी जा रही है। अगर प्रवासियों को बाहर घूमने की शिकायत है तो चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।