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कालाजार से बचाव के लिए कीटनाशक का हो रहा छिड़काव

ग़ाज़ीपुर। प्रदेश के छह जनपदों में कालाजार उन्मूलन को लेकर दवा का छिड़काव करने के लिए शासन से निर्देश के क्रम में जनपद गाजीपुर में छिड़काव का कार्य किया जा रहा है। जिले में कालाजार प्रभावित चार ब्लॉकों मरदह, मोहम्दाबाद, गोडउर और बाराचावर के छह गावों में 23 मई से 12 जून 2020 तक बालू मक्खी के खात्मे के लिए विभाग ने अपनी चार टीम के साथ कार्य कर रही है।

मलेरिया निरीक्षक अविनाश कुमार ने बताया कि कालाजार की वाहक बालू मक्खी को खत्म करने तथा कालाजार के प्रसार को कम करने के लिए इंडोर रेसीडूअल स्प्रे (आईआरएस) किया जाता है। यह छिड़काव घर के अंदर दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक होता है। मरदह ब्लाक का बहुतरा व मोहम्दाबाद का फैजुल्लापुर गांव में छिड़काव का कार्य पूरा हो चुका है जबकि मोहम्दाबाद के रघुवर गंज, गोडउर ब्लाक का गोडउर गांव और बाराचवर ब्लॉक का सहरेजा और मुबारकपुर जुगनू गांव में कालाजार का छिड़काव किया जा रहा है। छिड़काव के कार्य में लगी चार टीम की प्रत्येक टीम में छह कर्मचारियों शामिल किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में कालाजार से प्रभावित इन्हीं चार ब्लॉकों में बालू मक्खी पाई गई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में अभी तक मोहम्मदाबाद ब्लाक के रघुवरगंज में कालाजार का एक मरीज मिला है जिसका इलाज चल रहा है। वहीं साल 2018 में 7 मरीज और 2019 में 8 मरीज पाये गए।
जानें कालाजार की कहानी
कालाजार एक संक्रमण बीमारी है जो परजीवी ‘लिश्मैनिया डोनोवानी’ के कारण होता है। यह एक वेक्टर जनित रोग भी है। इस बीमारी का असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है। कालाजार बीमारी परजीवी बालू मक्खी के जरिये फैलती है। जो कम रोशनी वाली और नम जगहों जैसे कि मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों तथा नम मिट्टी में रहती है। बालू मक्खी यही संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाती है। इस रोग से ग्रस्त मरीज खासकर गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, पेट और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है। इसी से इसका नाम कालाजार यानि काला बुखार पड़ा।
लक्षण
• बुखार रुक-रुक कर या तेजी से तथा दोहरी गति से आता है
• भूख कम लगती है, शरीर में पीलापन और वजन घटने लगता है
• स्प्लीन यानि तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ने लगता है
• त्वचा-सूखी, पतली और शल्की होती है और बाल झड़ने लगते हैं
• शरीर में खून की कमी बहुत तेजी से होने लगती है
रोकथाम
• अपने घर को साफ रखना चाहिए। दीवार एवं आसपास के कोनों की नियमित और पूरी सफाई आवश्यक है।
• घर में प्रकाश आना चाहिए।
• रोगी एवं स्वस्थ व्यक्ति की कड़ी (बालू मक्खी) को नष्ट करने के लिए छिड़काव जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक कराएं तथा तीन महीने तक घरों में में किसी प्रकार की सफेदी और पुताई न कराएं।
• कमरे के जमीन से दीवार की कुछ ऊंचाई तक पक्की दीवार की चुनाई कराएं।
मंत्री ने की अपील
गौरतलब है कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने फेसबुक के जरिये अपील की है कि प्रदेश सरकार कालाजार उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मचारी आपके जनपद समेत 6 अन्य जिलों में दवा का छिड़काव कर रहे हैं। आइये इनका सहयोग कर इन्हें सम्मानित करें।