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जिला जज ने 500 सौ गिलोय के पौधे का किया वितरण

गाजीपुर। नेशनल मेडिसिनल प्लान्ट बोर्ड भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में गिलोय(गुरूच या अमृता) पौधे का निःशुल्क वितरण न्यायालय हाल में जिला जज राघवेन्द्र ने 500 सौ पौधो का वितरण समस्त सिविल बार, अध्यक्ष एवं उपस्थित कर्मचारी को एक एक पौधे देकर किया गया।

पौध वितरण के पश्चात रंगबहादुर सिंह ने इस औषधिय पौधे के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आयुर्वेद औषधि एक शक्तिशाली औषधि है। जिसके लगातार प्रयोग करने से शरीर की तमाम बिमारियों से मुक्त पा सकते है। वर्तमान में गिलोय आधारित औषधियों की मॉग बहुत बढ़ गयी हैं क्योकि यह क्रोना वायरस से लड़ने की शारीरिक शक्ति बढ़ाता हैं। इसके अतिरिक्त गिलोय की खेती कर किसान बन्धु अपनी आय भी बढ़ा सकते है। जिला जज राघवेन्द्र गाजीपुर ने अपने सम्बोधन में बताया कि गिलोय को गुरूच या अमृता भी कहते है तथा इसका वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कार्डिफोलिया हैं यह एक बहुवर्षीय लता है, जिसकी पत्ती पान जैसी होती है तथा इसके तने को काटने पर चक्राकार संरचना दिखती है। इसके तने की गॉठे पक्षी की जोंच की तरह दिखती है। इसके पौधों को वृक्ष के पास लगाया जाता हैं ज्यादा तर पौधे नीब के पास ही लगायी जाय इससे बहुत ही फायदामन्द साबित होता हैं नीब पर चढ़कर विकसित होती है तथा कई वर्षो तक यह पौधा उस पेड़ पर अमरबेल की भॉति जिन्दा रहती है। इस पौधे की जड़ एवं तना वृक्ष से लटकती रहती है। यह मोटापा, ह्दय रोग, मधुमेह रोग जैसे नेत्र विकार, चर्म या त्वचा रोग, ओज क्षय, न्यूरोलॉजिकल समस्याओं , रक्त की कमी इत्यादि रोगो से लड़ने की व ठीक करने की क्षमता रखता है। सभी बार एसोसियेशन एवं बार अधिकारी व कर्मचारियों से अनुरोध किया है कि अपने-अपने घर या बागीचे में एक एक गिलोय के पौधे लगायी जाये तथा उसका सेवन भी लगातार किया जाय। ये कोविड-19 कोरोना वायरस जैसे महामारी बीमारी भी ठीक कर सकता है। इसी क्रम में पूर्व में राष्ट्रीय ब्यूरो सूर्य कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में लगभग 2 लाख पौधों का निःशुल्क वितरण किया जाना है ब्लाक स्तर पर कमेटी कठित कर प्रधानो व सचिव के माध्यम से लोगो में गिलोय को निःशुल्क वितरण किया जाना है। इसके फायदे अन्न्त है गॉव का प्रत्येक नागरिक, इस गिलोय की 6 इंच की डण्ठल को तोड़कर अपने घर में ही गिलोय सत्व, काढ़ा या जूस बनाकर प्रतिदिन सेवन करें, जिससे कि वो निःरोग रह सकते है तथा उनके अन्दर व्याधि क्षमत्व(व्याधियों से लड़ने की शक्ति) बढ़ सकती है इसके सेवन से गॉव या शहर का प्रत्येक व्यक्ति बिना पैसा खर्च किये स्वस्थ रह सकता है। जिससे उनके कार्यो की क्षमता भी बढ़ सकती है। इस क्रम में बार में उपस्थित पौधे वितरण के पश्चात अखिल पाण्डेय(एम.टेक के छात्र) पुत्र हर्षनाथ पाण्डेय
रविन्द्रपुरी गाजीपुर ने अपने ही नीब के पेड़ के पास पौधे लेकर पौधरोपण किया। उन्होने कहा कि आयोर्वेद दवायो से हमे बहुत ही लगाव है जिससे मुझे क्षमता मिलती है।