गाजीपुर। कोविड-19 के दौरान मौजूदा समय में धात्री माताएँ यदि कोरोना पॉज़िटिव हैं तो स्तनपान कराने से संक्रमण होने का कोई भी खतरा नहीं है। बहुत सी माताओं का सवाल है कि ऐसे समय में क्या वह नवजात को स्तनपान करा सकती हैं या नहीं, क्योंकि उन्हें डर है कि नवजात भी स्तनपान की वजह से कोरोना की चपेट में न आ जाए। इसके बारे में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ उमेश कुमार ने माताओं की समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया है और इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी है।
डॉ उमेश कुमार का कहना है कि वर्तमान परिवेश में यदि कोई मां कोविड-19 पॉज़िटिव है तो वह भी अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) ने भी सिफ़ारिश की है, उसका कहना है कि मां के दूध से बच्चे को कोरोना होने होने की बहुत कम संभावना है। यदि मां कोरोना पॉज़िटिव हो जाती है और दूध पिलाना छोड़ देती है तो ऐसे में बच्चे के जीवन पर खतरा ज्यादा है और कुपोषण के साथ ही अन्य दूसरे प्रकार की बीमारी और हाइपोथर्मिया के शिकार होने की भी संभावना है।
डॉ उमेश कुमार ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक स्टडी में बताया है कि कोरोना पॉज़िटिव 43 महिलाओं के दूध की जांच की गयी तो मात्र तीन महिलाओं के दूध में कम मात्रा में कोविड-19 के लक्षण पाए गए। उनमें से मात्र एक बच्चा में कोविड-19 का वायरस पाया गया। ऐसे में कोविड-19 से पीड़ित मां अपने बच्चे को स्तनपान कराती रहें। लेकिन स्तनपान कराते समय बहुत सी सावधानियां बरतने की आवश्यकता है जैसे स्तनपान कराने से पहले अपने हाथों और स्तनों को अच्छी तरह से धो लें और मास्क का प्रयोग जरूर करें। उन्होने बताया कि किसी भी परिस्थिति में मां अपने नवजात को स्तनपान कराती रहें जिसका फायदा मां को भी मिलता है। माताओं को ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर होने की संभावना कम होने के साथ ही मधुमेह आदि रोगों की भी संभावना कम हो जाती है।