गाजीपुर। जिला कृषि अधिकारी ने बताया है कि कृषक भाईयों से अनुरोध है कि धान फसल कटाई उपरान्त फसल अवशेष न जलाए बल्कि फसल अवशेष को विभिन्न कृषि यंत्रो के माध्यम से मिलाएं कृषिगत भूमि मे कार्बनिक पदार्थ की मात्रा निरन्तर घट रही है।
अवशेष मात्रा मिलाने से मृदा मे कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढेगी जलाने पर पर्यावरण प्रदूषण होगा साथ ही मृदा के मित्र जीव भी नष्ट हो जाते है चारे की समस्या के साथ मृदा तापमान में भी बृद्धि होती है कृषक भाई धान पराली को मृदा में मिलाकर कार्बनिक खाद बनाये और पर्यावरण प्रदूषण से बचे। मृदा में मिलाने से मृदा में कम हो रहे कार्बनिक पदार्थ की मात्रा को बढ़ाये। पराली/कृषि अपशिष्ट जलाये जाने की घटना पाए जाने पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध में दिनांक 13 नवम्बर, 2017 के द्वारा क्षतिपूर्ति की वसूली एवं पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध अर्थदण्ड लगाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। कृषक भाईयों से अनुरोध है कि अर्थदण्ड से बचने के लिए फसल अवशेष न जलाए।