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आयरन युक्त खाद्य पदार्थ गर्भावस्था व किशोरावस्था में बेहद जरुरी

गाजीपुर। आयरन की कमी यानि एनीमिया से स्वास्थ्य संबन्धित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर पर किशोरियों और गर्भवती के लिए आयरन बेहद जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ न मिल पाने से शरीर में आयरन की कमी होती है।

जिला महिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ तारकेश्वर ने बताया कि आयरन शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं (रेड ब्लड सेल्स) बनाता है। हीमोग्लोबिन शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। हीमोग्लोबिन रक्त कोशिकाओं में मौजूद लौह युक्त प्रोटीन है। यह प्रोटीन शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को संतुलित करता है। हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में आक्सीजन की कमी होने लगती है। अगर व्यक्ति एनीमिक है तो उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। कोरोना हमारे श्वसन तंत्र पर हमला करता है। ऐसे में यह एनीमिक लोगों के लिये काफी खतरनाक साबित हो सकता है। आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है। एक स्वस्थ महिला में हीमोग्लोबिन 12 ग्राम प्रति डेसीलीटर जबकि एक स्वस्थ पुरूष में 14 ग्राम प्रति डेसीलीटर होना चाहिए। आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए लोगों को पालक, चौराई का साग, सेब व अन्य आयरन युक्त सब्जियों व फलों का सेवन करना चाहिए ताकि उन्हें आयरन की कमी दूर हो सके।
मोहम्दाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशीष राय ने बताया कि आयरन शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। मानव शरीर में आयरन की कमी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। आयरन की कमी से ह्रदयाघात, किडनी की बीमारियां और आंतों से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जो कई बार मृत्यु का कारण भी बन सकती हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को यदि हर उम्र में स्वस्थ रहना है तो आयरन बेहद जरूरी है। महिलाओं में जरूरत से ज्यादा होने वाले हार्मोनल बदलाव से उनके शरीर में अक्सर पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिन्हें दूर करने के लिए आयरन बेहद जरूरी है।
आयरन की कमी के लक्षण

  1. महिलाओं में माहवारी के दौरान बहुत अधिक रक्तस्राव होना।
  2. बहुत जल्दी थक जाना और हर समय थकान रहना।
  3. कोई भी काम करते समय सामान को रखकर भूल जाना।
  4. बहुत अधिक बाल झड़ना।
  5. नाखून पीले और पतले हो जाना।