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7 सितंबर से 30 सितम्बर तक चलेगा पोषण माह

गाजीपुर। हर वर्ष सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष पोषण माह का आयोजन सात से 30 सितम्बर तक किया जाएगा। कोविड-19 के चलते सामुदायिक सहभागिता से जुड़ी गतिविधियां नहीं हो सकेंगी। लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान बच्चों, किशोर-किशोरियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को पोषण के प्रति जागरूक करेंगी। इस दौरान मास्क और शारीरिक दूरी का पूर्ण रूप से ध्यान रखेंगी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडेय ने बताया कि पोषण माह के दौरान जनपद में चिन्हित अति कुपोषित और कुपोषित बच्चों की मॉनिटरिंग की जाएगी। जनपद में वर्तमान में पाँच साल के बच्चों की संख्या 4.31 लाख है जिसमें अति कुपोषित बच्चों की संख्या 1,642 है जबकि कुल कुपोषित बच्चे लगभग 16400 हैं। उन्होंने बताया कि जनपद के कुछ निजी अस्पतालों से भी इन बच्चों को जरूरी उपचार उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पोषण अभियान के तहत महिलाओं और बच्चों के पोषण की बेहतरी के उद्देश्य से इस वर्ष भी सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। पोषण अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य जन आंदोलन और जन भागीदारी से कुपोषण को मिटाना है। उन्होने बताया कि वर्ष 2020 का पोषण माह दो मुख्य उद्देश्य पर आधारित है। पहला अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित करना और उनकी मॉनिटरिंग करना। दूसरा किचन गार्डन को बढ़ावा देना। पोषण माह के दौरान आयोजित की गई गतिविधियों को दैनिक प्रविष्टि भारत सरकार के जन आंदोलन पोर्टल पर की जाएगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बच्चों, किशोर-किशोरियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं के आहार में हरी साग सब्जी और फल शामिल करने और उसके प्रति प्रोत्साहित करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिकाएं विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। धात्री माताओं को पहले छह माह तक बच्चों को केवल स्तनपान कराने और छह माह बाद स्तनपान के साथ-साथ पूरक आहार देने की सलाह दी जाएगी। गर्भवती और किशोर-किशोरियों को आयरन की गोली खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।