गाजीपुर। आज हमारा पूरा समाज कोरोना जैसी महामारी से डर के जी रहा हैं। न जाने कितनी तरह की भ्रांतियां लोगो के मन में बैठ चुकी है।
नए पीढ़ी से लेकर बुजुर्ग तक सभी इस महामारी को झेल रहे है। यही तक नहीं जो किसी अन्य बीमारी से गृसित हैं उन्हें समय से इलाज नहीं मिल पा रहा है।
जिसके लिए विभाग के द्वारा आशा और आंगनबाड़ियों के द्वारा घर-घर सर्वे कराकर गंभीर मरीजों को चिन्हित कर उन्हें क्या रोग है इसका डाटा जुटाने में लगी हुई हैं हालांकि इस दौरान उन्हें ग्रामीणों की तरफ से जलालत भी झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है।
सर्वे के दौरान घर में कितने सदस्य हैं, किस बीमारी से ग्रसित हैं ,वो पता करती हैं जरा सा भी उन्हे संदेह होता हैं तो उसकी जाँच करवाती हैं। पर दुःख तब होता हैं जब उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता हैं।
मिर्ज़ापुर स्वास्थ केंद्र के बिजहरी गांव की आशा संगिनी चिंतामणि द्वारा बताया गया की ग्रामीणों के द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि घर-घर सर्वे के दौरान लिए गए मोबाइल नंबर पर फर्जी तरीके से कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट भेजी जा रही है।
जिसके चलते ग्रामीण सर्वे में सहयोग नहीं कर रहे साथ ही यह भी कह रहे हैं कि इस गांव में मत सर्वे करो। यही बात पुनिता राय आशा संगिनी द्वारा बताया गया कि ग्रामीण कह रहे हैं हम लोग जाँच कराने नहीं जायेगे सरकार कुछ करेगी नहीं बस झूठा कोरोना बीमारी दिखा देगी।
बीपीएम सोनल श्रीवास्तव ने बताया की हमे कोरोना के साथ जीने की आदत डालते हुए अपने आत्म विश्वास और शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना होगा।
असुरक्षित खान पान एवं भीड़ भाड़ से बचते हुए और बाजारों में सामाजिक दुरी का ख्याल भी रखे एवं मास्क लगाए और हाथो की सफाई का ध्यान रखे।
कोरोना से लड़ने हेतु स्वास्थ्य विभाग में लगे डॉक्टर, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन,स्टाफ नर्स एवं कंप्यूयरऑपरेटर, सुपरवाईज़ार लग अपना योगदान अपनी जान की परवाह न करते हुए कर रहे है।
ये सभी बिना किसी शिकायत बिना किसी परहेज के मरीजों की देख भाल कर रहे हैं। वही आशा,आंगनवाड़ी एएनएम अपने गांव कस्बे और शहर तक में अपने कर्तब्यों का पालन करते हुए घर घर तक पहुंच रही हैं ।