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कोरोना पर भारी पड़ा आस्था

जमानिया। कोरोना संक्रमण काल मे जहा सरकार लोगो को सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने व भीड़ भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनकर चलने के लिए जागरूक कर रही है, तो ही लोग दिन पर दिन बढ़ते संक्रमण के साथ बेपरवाह होते जा रहे है। प्रशासन का रवैया भी उदासीन बना हुआ और सरकार के नुमाइंदे सरकार द्वारा जारी निर्देशों नियमों का पालन कराने में असफल दिख रहे है।

देश मे कोरोना मरीजो की संख्या कम थी तो लोग सरकार के नियमों का पालन प्रशासन कड़ाई से कराया जा रहा था। लेकिन जब संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन हजारों में लगातार बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में लोगों का बेपरवाह होकर घरो से बाहर निकलना खतरे की घण्टी है। बताते चले कि गुरुवार को व्रती महिलाओं ने जीउत पुत्रिका के पर्व के दौरान बड़ी संख्या में दूर दराज से ट्रेक्टर‚ जीप‚ मैजिक‚ दोपहिया वाहनो से लोग गंगा स्नान करने के लिए  हजारों की संख्या में पहुंचे+। इस दौरान व्रती महिलाओं ने बिना मास्क नही पहना था और न ही सोशल डिस्टेंसिग का ही किसी को ख्याल रहा। भीड़ इतनी कि पैर रखने तक को जगह नही था। इसको ध्यान में रख कर पुलिस भी लगातार चक्रमण करती नजर आयी और किसी को भी रूकने नहीं दिया। जब से कोरोना संक्रमण महामारी अपने देश प्रदेश में आई है। पहली बार किसी त्योहार मे बिना मास्क व बिना सोशल डिस्टेंसिग के इतनी ज्यादे बाजारों में भीड़ देखी गयी। जो चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग ऐसा महसूस कर रहे है कि कोरोना का खत्मा हो गया है या यूं कहें कि कोरोना पर माताओं के आस्था भारी पड़ गया। वही क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर आई व्रती महिलाओं ने अपने पुत्रों की दीर्घायु और मंगल कामना हेतु जीउत पुत्रिका का निरजल व्रती रखा व मंदिरों में दर्शन पूजन किया।