गाजीपुर। प्रत्येक वर्ष 26 सितंबर को जनसंख्या स्थिरता के उद्देश्य से विश्व गर्भनिरोध दिवस मनाया जाता है जिसके आयोजन के दौरान गर्भ निरोधक साधनों के प्रति जानकारी बढ़ाने, युवा दम्पतियों को यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर सूचित विकल्प देकर परिवार के प्रति निर्णय लेने के लिये सक्षम बनाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा राजकीय अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी स्वास्थ्यकर्ताओं को विश्व गर्भनिरोध दिवस को मनाने की महत्ता पर जानकारी दी जाएगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) एवं नोडल अधिकारी डॉ के के वर्मा ने बताया कि परिवार कल्याण महानिदेशक द्वारा भेजे गए पत्र में निर्देशित किया है कि विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी आधुनिक परिवार नियोजन के साधनों विशेषकर आधुनिक अन्तराल विधियों का स्टाल लगाकर प्रदर्शन किया जाए। वहीं परिवार नियोजन के सूचित विकल्प देने हेतु राजकीय अस्पतालों पर परामर्श सत्रों का आयोजन किया जाए। कार्यक्रम को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए आशा बहुओं की ओर से नवदम्पतियों को नयी पहल किट उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा जनपदों में सास-बहू सम्मेलन आयोजित किए जाएं।
पहले और दूसरे बच्चे के बीच तीन वर्ष का अन्तर है जरूरी
डॉ वर्मा ने कहा कि नवदम्पतियों को शादी के दो वर्ष बाद पहला बच्चा, पहले और दूसरे बच्चे के बीच तीन वर्ष का अन्तर और उसके बाद नसबन्दी करवाने का परामर्श दिया जाता है। योजना के तहत आशा बहुओं को प्रोत्साहन का भुगतान होता है। नवदम्पति की शादी के बाद दो वर्ष के अन्तराल एवं पहले बच्चे के बाद तीन वर्ष का अन्तराल रखने पर आशा बहुओं को पांच-पांच सौ रुपये तथा दो बच्चों के बाद स्थायी साधन अपनाने पर हर आशा को एक-एक हजार रुपये बतौर प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है।
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि इस वर्ष अप्रैल 20 से अगस्त 20 के मध्य स्थायी साधनों में 561 महिला नसबंदी, 2 पुरुष नसबंदी और अस्थायी साधनों में 1964 आईयूसीडी, 1235 प्रसव पश्चात आईयूसीडी, 5503 अंतरा तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन, 108494 कंडोम, 17301 माला एन एवं 6942 छाया गर्भ निरोधक गोली का उपयोग किया गया ।