कंदवा(चन्दौली)। भारतवर्षीय गोंड महासभा का एक जांच दल बुधवार को भदखरी पहुंचा और मृतक रामबचन गोंड के परिवार से भेंट कर घटना क्रम की पूरी जानकारी ली। जांच दल ने आरोप लगाया कि पुलिस घटना को गंभीरता से लेती तो रामबचन उर्फ करीमन गोंड की मौत जैसी दुखद घटना नहीं होती। जांच दल ने कहा है कि कंदवा थाना प्रभारी मामले को रफा दफा करने में जुटे हैं। महासभा ने घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
जांच दल को मृतक रामबचन गोंड के पुत्र राम अशीष ने बताया कि गांव के राम औतार और मनोज आदि ने रविवार की रात करीब साढ़े सात बजे उसकी मां को बुरी तरह मारा पीटा था। जब हम लोग थाने पर एफआईआर दर्ज कराने गए तब पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया और ना ही माता का मेडिकल मुआयना ही कराया।सूचना के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। फिर रात में जब मेरे पिता की मौत हो गई तब पुलिस मेरे घर घटना स्थल पर पहुंची। अखिल भारतवर्षीय गोंड महासभा के प्रदेश सचिव गुलाब चंद गोंड ने कहा कि यदि समय रहते पुलिस ने हस्तक्षेप किया होता तो रामबचन उर्फ करीमन गोंड की मौत जैसी दुखद घटना नहीं हुई होती।घटना के तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों पर एसटी एससी एक्ट का मुकदमा कायम नहीं किया है। उन्होंने भदखरी कांड की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने तथा घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की। जांच दल ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से मृतक परिवार को तत्काल आर्थिक मदद देने के साथ ही सरकारी भूमि का आवंटन किए जाने की मांग की है। कहा कि जांच दल शीघ्र जिलाधिकारी औरपुलिस अधीक्षक मिल कर उनके सामने सारा मामला रखेगा। जांच टीम में राम उजागीर गोंड, राम जी, महेन्द्र प्रताप गोंडसे, बलिराम,विकास प्रधान, रामपति गोंड, सुनील गोंड, राम जनम गोंड, महावीर गोंड आदि शामिल रहे।