जमानिया।क्षेत्र के भगीरथपुर स्थित झारखंडे महादेव मंदिर के कथा मंडप में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के नौवें दिन कथा सुनाते हुए चंदेश महाराज ने कहा कि भगवान कृपालु एवं दयालु हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए पात्रता भी होनी चाहिए।
जैसे कि बरसात के दरम्यान किसी क्षेत्र में जैसा छोटा बड़ा पात्र (बर्तन) होता है उसी क्षमता के अनुसार उसमें जल इकठ्ठा हो जाता है और यदि कोई पात्र का मुख नीचे की तरफ अथवा बंद हो तो फिर उसमें जल की एक बूंद भी नहीं आ पाती, ठीक इसी प्रकार हमे भी भगवान की कृपा रुपी वरदान पाने के लिए अपने आप को निर्मल मन वाला बनाना होगा।काम,क्रोध,लोभ, मोह इत्यादि विकारों से रहित मन ही वह पात्र है जिसमें परमात्मा की कृपा रुपी बरसात होती है।
संत राघवाचार्य राहुल जी ने कहा कि मनुष्य जीवन प्राप्त होना तो देवदुर्लभ है जरुर परन्तु यदि मनुष्य शरीर पाने के बाद केवल भोजन,शयन, संतान प्राप्ति और अन्य इंद्रिय सुख भोगने में ही आयु बीत जाए तो फिर पशु एवं मनुष्य जीवन में कोई अंतर ही नहीं रहा। मनुष्य जीवन में धर्म ही वह बिशेषता है जो पशु से मनुष्य को बिशेष दर्जा दिलाने का काम करता है।
विश्रामदिवस की कथा में सभी संत एवं कथावाचकों को कथा समिति एवं मंदिर समिति के द्वारा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया और प्रसाद वितरण भी किया गया। आयोजन में प्रधान बसंघ रेवतीपुर ब्लॉक के अध्यक्ष दीपक सिंह, ऋषिकेश चौबे, सुरेंदर यादव, नंदकिशोर शर्मा मुन्ना शर्मा रामविलास पटेल विनय चौबे सुधीर पारस एवं सम्मानित जनों की उपस्थिति रही।