गाजीपुर। उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन ने गाजीपुर जिले में बीएड एवं बीटीसी महाविद्यालयों की अनावश्यक जांच पर विरोध जताया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार सिंह ने जिलाधिकारी को पत्रक सौंपते हुए बताया कि जिले में बीएड एवं बीटीसी महाविद्यालयों की जांच हेतु शासन द्वारा जांच समिति गठित किया गया है।
जिसको महाविद्यालय प्रबंधन के लोग न्यायोचित नहीं मानते हैं। डॉ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि यह अनावश्यक जांच केवल मानसिक प्रताड़ना एवं धन उगाही हेतु इस कोरोना संक्रमण काल में आयोजित की गई है जबकि जांच में चिन्हित संस्थान की मान्यता, अवस्थापना, आधारभूत ढांचा का भौतिक सत्यापन करने के बाद ही उक्त महाविद्यालयों की मान्यता गठित जांच समिति के पदेन सदस्यों द्वारा ही निर्गत की गई है। पुनः इस जांच समिति द्वारा संस्थानों की जांच का औचित्य क्या है? उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तो गाजीपुर के समस्त महाविद्यालय अनिश्चितकालीन हड़ताल एवं पूर्णतया तालाबंदी को विवश होंगे। महाविद्यालय एसोसिएशन ने शासन द्वारा गठित जांच समिति निरस्त करने की मांग उठाई है। यह भी बताया कि पूर्व में बीटीसी संस्थानों का भौतिक सत्यापन एवं स्थलीय निरीक्षण के लिए उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में वाद लंबित है और स्थगन आदेश प्राप्त है। इसलिए इस मामले में त्वरित कार्यवाही को पूर्णतया रोका जाय। पत्रक देने वालों में प्रमुख रूप से संगठन के संरक्षक अशोक सिंह, अध्यक्ष डॉ मनोज सिंह, उपाध्यक्ष सत्य प्रकाश यादव, पंकज दुबे, अटल सिंह, भुल्लन सिंह, आलोक सिंह, दिनेश सिंह, बहादुर यादव, जवाहर यादव, आमिर अली, रामचंद्र यादव, कन्हैया यादव, जय प्रकाश सिंह, विमल सिंह, अमरनाथ तिवारी, शिव सिंह आदि मौजूद रहे।