कन्दवा(चन्दौली)। परे सिंधु नहीं उठत उठाए, बरबस कृपा सिंधु उर लाए। क्षेत्र के अरंगी गांव में चल रही रामलीला के आखिरी दिन रविवार की रात भरत मिलाप और राम राजगद्दी की लीला का मंचन किया गया। राम -लक्ष्मण- भरत और शत्रुघ्न चारों भाइयों का मिलन देख लोग भाव विह्वल हो उठे।
लीला का आरंभ लंका विजय के बाद हनुमान जी द्वारा माता सीता और श्रीराम के अयोध्या पहुंचने की सूचना देने के साथ होता है।इसके कुछ देर बाद विभीषण का रथ जयकारों के साथ पहुंचा।जिन्हें आदर के साथ बैठाया गया। कुछ देर बाद श्रीराम माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से अयोध्या पहुंचते हैं।राम के आने की सूचना पर भरत- शत्रुघ्न साष्टांग लेटकर भगवान राम की प्रतीक्षा करते हैं। श्रीराम-लक्ष्मण सजल नयनों से बाहें पसार कर दौड़ पड़ते हैं। भरत- शत्रुघ्न को जब उन्होंने उठाकर गले लगाया तो लोग भाव विह्वल हो उठे और सभी के नयन सजल हो उठे । उसके बाद गुरु वशिष्ठ श्रीराम का राज्याभिषेक करते हैं और राजगद्दी पर बैठाते हैं। इसके साथ ही चारों तरफ हर हर महादेव और जय श्रीराम का जयकारा गूंजने लगता है और पुष्पों की बारिश होने लगती है। इससे पूर्व शनिवार की रात लक्ष्मण शक्ति,मेघनाथ वध और राम रावण युद्ध का मंचन किया गया। इस दौरान दिवाकर पांडेय, धन्वंतरी पांडेय, अखिलेश सिंह, सिक्कू सिंह, विकास, आलोक, अंकित आदि लोग मौजूद रहे।