जमानियां। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सेमिनार कक्ष में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में एवं आदिकवि महर्षि बाल्मीकि को भी उनकी जयंती के अवसर पर कृतज्ञता पूर्वक याद किया गया।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. मदन गोपाल सिन्हा ने कहा कि स्वतंत्र भारत की 562 देशी रियासतों को भारतीय संघ में सम्मिलित करने में सरदार पटेल की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण थी। इसी कारण उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि राम और राम कथा को भारतीय संस्कृति की आत्मा कहा जाता है भारतीय जनमानस राममय है। महर्षि बाल्मीकि को आदि कवि के रूप में जन स्वीकृति है। उन्होंने सबसे पहले रामकथा को संस्कृत पद्य रूप में रामायण के रूप में प्रस्तुत किया उसी के आधार पर आगे चलकर अनेकों कवियों ने राम की कथा को अपने अपने ढंग से प्रणयन किया। विषय प्रवर्तन रोवर्स प्रभारी डॉ.संजय कुमार सिंह ने संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अरुण कुमार एवं अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शरद कुमार ने किया। डॉ.श्रीमती विमला देवी अध्यक्ष संस्कृत विभाग, सुनील कुमार चौधरी, लालचंद पाल, कैप्टन अंगद प्रसाद तिवारी, सुनील कुमार चौधरी, राहुल गुप्ता, संध्या कुमारी, प्रीति पासवान, काजल प्रजापति, अर्चना कश्यप, आदित्य कुमार सिंह,सरोज देवी,गौरव कुमार यादव आदि उपस्थित थे।इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने इस विशेष अवसर पर राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की शपथ भी दिलाई गई। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले संचालित हुआ।