जमानियां। समाज की पहचान ही महिला से है। वह हर रूप मां, बेटी, पत्नी के रूप में समाज की सेवा कर रहीं हैं।पुरानी और रूढ़िवादी विचारधाराओं के चलते आज भी महिलाओ के घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी है। हम सबको इसका विरोध कर इस परंपरा को समाप्त कराना होगा। ये बाते मिस इंडिया मोस्ट पॉपुलर फेस एवं अभिनेत्री रचना सिंह ने सोमवार को क्षेत्र के हेतिमपुर गांव स्थित महिला महाविद्यालय में कही।
उन्होंने कहा कि वैश्विक लिंग और गैर सूचकांक के अनुसार उच्च शिक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के द्वारा समाज की महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। कविता‚ चित्रकला‚ गोष्ठी‚ रैली आदि प्रतियोगिता के माध्यम से नारी शक्ति को जागरूक किया जा सकता है। इसके लिए एक टीम कि तरह लोगों को काम करने कि जरूरत है। उन्होंने कहा कि ना मैं अबला हूं, ना ही मैं बेचारी हूं। मैं शक्ति स्वरूपा नारी हूं इस रूप मे नारी को प्रस्तुत करने की जरूरत है। जब तक हम नारी को शक्ति के रूप में नहीं प्रस्तुत करेंगे तब तक नारी के समाजिक स्तर में बढ़ौतरी संभव नही है। आज के दौर में लड़कियों की शिक्षा किसी भी परिवार व समाज की तरक्की के लिए आवश्यक है। देश की बेटियां हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ते हुए लड़कों को पीछे छोड़ रही हैं। कहा कि सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर अखबार सहित सोशल मिडिया की मुहिम हमेशा से सराहनीय रही है। शासन प्रशासन की ओर से एंटी रोमियों‚ महिला हैल्प डेक्स‚ मिशन शक्ति आदि विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे है लेकिन मुझे लगता है कि ये कार्यक्रम कागजों में अधिक और धरातल पर कम चल रहा है। इसको लेकर प्रचार प्रसार सहित जागरूक्ता के विभिन्न कार्यक्रम बृहद स्तर पर कराये जाने की जरूरत है। ये कार्यक्रम मात्र फोटो खिचवाने तक ही रह गया है‚ इसका प्रचार आज भी ग्रामीण स्तर पर कम या न के बराबर है। प्रशासन द्वारा तहसील स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया लेकिन ग्रामीण स्तर पर ऐसा एक भी कार्यक्रम किसी गांव में नहीं किया है। जिससे गांव में आज भी महिलाओं में अज्ञान्ता भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में प्रतिभा कि कोई कमी नही है बस एक मंच कि आवश्यकता है। जिसके बाद उन्हाेंने महिलाओं को बोर्ड में लिख कर सरकार द्वारा जारी विभिन्न हैल्पलाईन नंबर 1076‚ 1090‚ 112‚ 102‚ 108‚ 181 आदि के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर महाविद्यालय में डॉ अरविन्द सिंह‚ डॉ संजय शर्मा‚ डॉ श्याम सिंह‚ सुमंत सिह‚ सुमित्रा सिंह‚ मनिष कौशल‚ आकृति तिवारी‚ अम्बाला सिंह‚ रितु कुशवाहा‚ रूबाना खातुन‚ सोनी चौधरी‚ जयोति गुप्ता‚ अंशु बिन्द‚ महिमा यादव‚ लबली‚ सना परवीन‚ अनिता कुमारी‚ सुमन यादव आदि सैकडो लोग मौजूद रहे।