गाज़ीपुर। हिन्दी पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा होनी तय है। इस दिन को यम द्वितीया भी कहते हैं, जो भाई दूज के नाम से प्रसिद्ध है। इस वर्ष चित्रगुप्त पूजा 16 नवंबर दिन सोमवार को है। श्री चित्रगुप्त भगवान मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं।
इस अवसर पर श्री चित्रगुप्त वंशीय सभा द्वारा नगर के ददरीघाट मोहल्ले के प्राचीन चित्रगुप्त मंदिर के संस्था के मंत्री अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हर वर्ष की भांति कार्तिक शुक्ल द्वितीया को नई कलम या लेखनी की पूजा चित्रगुप्त जी के प्रतिरूप के तौर पर होती है। कायस्थ या व्यापारी वर्ग के लिए चित्रगुप्त पूजा के दिन से ही नववर्ष का आगाज माना जाता है। यह पूजा मंदिर परिसर में दिन में 1 बजे से कोविड – 19 नियमो को ध्यान में रखकर सूक्ष्म रूप से किया जाएगा, जिसकी तैयारी पूर्ण कर ली गयी है।