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श्रद्धालुओं ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्‍य

जमानियाँ। लोकआस्था का महापर्व डाला छठ के तीसरे दिन विभिन्न नदी, तालाबों, नहरों पर बने घाटों पर जाकर तथा घर की छतों और आवासीय प्रांगण में बनाए गए कुंड में लाखों की संख्या में व्रत करने वालों तथा श्रद्धालुओं ने शक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्‍य दिया।

स्थानीय नगर के बलुआ घाट‚ मुन्नान घाट‚ साधू घाट‚ कंकडवा घाट सहित ग्रामीण अंचलों में चक्काबाँध गंगा घाट व नहर घाटों पर शुक्रवार को डाला छठ का पर्व धूम धाम से मनाया गया। वही कोरोना महामारी को देखते हुए प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद रही। छठ पर्व पर श्रद्धालूओ की भीड़ भी अधिक दिखाई दी। दूर दराज से आये श्रद्धालूओ ने गंगा तट पर ईख गाड़ कर सूर्य देव का पूजन किया।
शुक्रवार की सुबह से ही दूर दराज से आये श्रद्धालूओ कि भीड़ नगर के बलूआ घाट पर उमडऩे लगी। पहले तो श्रद्धालूओ ने बेदी बना कर सुर्य अस्त का इंतराज करती रहे और गंगा में डुबकी लगा कर व्रती महिलाओ ने अस्त होते सूर्य की उपासना की। छठ पर्व के पर अस्त होते सूर्य को अर्घ्‍य दिया। सांध्या प्रहर व्रती महिलाये निर्जला व्रत रखती है और उगते सूर्य को अर्घ्‍य के साथ व्रत खोला जाता है। रात को दीप कलश आदि के पास बैठकर व्रती महिलाओ ने पूजा करती रही। इसके बाद भगवत भजन और भगवान का चिंतन किया। शनिवार को श्रद्धालु प्रात: काल उगते सूर्य को अर्घ्‍य देंगे। इस पूजा में लगातार ३६ घंटे निरजला व्रत रखा जाता है। यह व्रत बच्‍चो की सुख समृध्दि के लिए रखा जाता है। पूजा के पूजा देवी, किरन देवी, कंचन देवी, वन देवी, माला, संगीता देवी, इमरीती देवी, सुजाता, रीता देवी आदि सैकडो लोग मौजूद रही। हर वर्ष छठ के प्रति लोगो की आस्‍था बढता जा रही है और श्रद्धालूओ की भारी भीड उमड़ रही है। इस दौरान नगर पालिका प्रशासन कि ओर से पूरी व्यवस्था की गयी थी। वही सुरक्षा एवं कोरोना महामारी को देखते हुए तहसील एवं पुलिस प्रशासन तैनात रही। एहतियात के तौर पर एसडीएम शैलेन्द्र प्रताप सिंह‚ सीओ हितेन्द्र कृष्ण‚ तहसीलदार आलोक कुमार‚ कोतवाल राजीव कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी चक्रमण करते रहे।