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एसडीएम ने मांगा स्पष्टीकरण, रोकवाया कार्य

जमानियां। तहसील क्षेत्र के कसेरा पोखरा गांव का मंगलवार को उपजिलाधिकारी ने अवचक निरीक्षण किया। जिससे गांव कि हकिकत निकल कर सामने आयी। जिससे एसडीएम के भौंवे तन गये और उन्होंने तत्काल कई जरूरी दिशा निर्देश दिये और संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण के लिए पत्र जारी किये।

उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह गांव में नायब तहसीलदार राकेश कनौजिया के साथ औचक निरिक्षण पर पहुंचे और पहले निर्माणाधीन पंचायत भवन को देखा कर खुशी जाहिर की। जिसके बाद वे गांव में वर्षो से चल रहे रास्ते के विवाद को पल भर में सुलझाया और चक नाली के साथ रास्ते का निर्माण करने के लिए निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने गांव में रास्ते में मिल रहे एक एक लोगों से उनकी समस्याओं को पुछा और उसका संभावित समाधान के लिए तत्काल अधिकारीयों को निर्देश देते रहे। वही उनके द्वारा दिये जा रहे सभी निर्देशों को लेखपाल द्वारा क्रमवध तरिके से दर्ज किया और उसका एक सप्ताह के भीतर फीडबैक लेने का निर्देश दिया। जिसके बाद उन्होंने सडक के किनारे पीडब्लूडी द्वारा बनाये जा रहे नाली निर्माण में अनियमित्ता को देखते हुए निर्माण कार्य को रोकवाया‚ ठेकेदार सहित संबंधित अधिकारी को कार्यालय में उपस्थित होने के का निर्देश दिया। वही ग्रामीणों कि शिकायत पर एसडीएम ने गांव में बने परिवार कल्याण उपकेन्द्र को देख कर उनकी त्योरी चढ़ गयी और उन्होंने ग्राम प्रधान को जम कर फटकार लगायी। उपकेन्द्र में जाने के लिए बनाये गये रास्ते पर फेके गये कचरे आदि को तत्काल साफ कराने का निर्देश दिया और स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी से उपकेन्द्र पर तैनात कर्मचारियो के बाबत जानकारी सहित अनुपस्थित कि दशा में आवशयक कठोर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया। वही गांव में भ्रमण के दौरान नायब तहसीलदार राकेश कनौजिया कि नजर गांव में बच्चों के लिए सुरक्षित खेल के मैदान पर पड़ी। जिस पर मौके पर मौजूद प्राथमिक विद्‍यालय के प्रभारी प्रद्युमन दत्त सिंह को तलब किया। इस दौरान उन्होंने ऑन लाईन क्लास कि जानकारी ली तो उन्होने अपनी ट्रेनिंग का हवाला देते हुए पल्ला झाडने का प्रयास किया। जिस पर उन्होंने बिते छ माह में एक बार बच्चों को पढने के लिए भेजा गया ऑना लाईन पाठ्यक्रम को दिखाने कि बात कही लेकिन वे दिखाने में असमर्थ रहे। जिस पर एसडीएम शैलेन्द्र प्रताप सिह ने कड़ी फटकार लगायी और उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई सहित स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश दिया। इस संबंध में उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि गांव का इसी प्रकार से निरिक्षण किया जाता रहेगा। जिसमें कमी पाये जाने पर कार्रवाई का दौर लगातार जारी  रहेगा। अधिकारी कर्मचारी अपने कार्यशैली में बदलाव लाये अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहे।