ज़मानियां। कोतवाली क्षेत्र के लहुआर गांव के पास स्थित ईट भट्ठा परिसर में बनाये गये रिहासी झाेपड़ीयों आज्ञात कारणों से आग लग जाने से तीन मासूम बच्चों कि मौत हो गयी। जबकि माता का इलाज वाराणसी में चल रहा है। इस घटना में पांच लोग बाल बाल बच गये। पुलिस एवं तहसील प्रशासन मामले की जांच में जुटा है।
परिजनों बबलू बनवासी ने बताया कि रात्रि में खाना खाने के बाद पूरा परिवार झाेपड़ी में सोने चले गये और देर रात करीब 2 बजे अचानक उसकी झाेपड़ी में आग लग गयी। जिस पर वह अपने बच्चों को बचाने कि कोशिश करने लगा लेकिन तब तक आग ने बिकराल रूप ले लिया और पास के दो झाेपड़ी में भी आग लग गयी। जिससे आस पास रह रहे लोग शोर मचाते हुए बाहर निकले और आग पर काबू पाने में जुट गये। घटना में नन्दू का परिवार और धर्मेन्द्र का परिवार बाल बाल बच गया। हॉलाकि झाेपडी जल कर राख हो गयी। आग को कड़ी मसक्कत के बाद किसी तरह से बबलू बनवासी के सभी बच्चों और पत्नी को बाहर निकाला गया। जिसमें से कुमारी पूजा (13)‚ चन्द्रका (7) की मौके पर ही मौत हो गयी। जबकि गंभीर रूप से झुलसे पुत्र डमरू (3) और पत्नी भागरथी देवी (32) को वाराणसी ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान 3 वर्षीय डमरू कि मौत हो गयी। वही पत्नी भागरथी देवी (32) का इलाज चल रहा है। आग लगी कि घटना कि सूचना पर सीओ हितेन्द्र कृष्ण‚ तहसीलदार आलोक कुमार‚ नायब तहसीलदार राकेश कन्नौजिया सहित हल्का लेखपाल ने मौका मुआयना किया। तहसीलदार आलोक कुमार ने बताया कि घटना से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। पीएम रिर्पोट के बाद पिडितो को सरकार कि ओर से हर संभव मद्द दिलाने का प्रयास किया जाएगा। वही कोतवाल राजीव कुमार सिंह ने बताया कि चंदौली जनपद के दिग्गी गांव से बबलू बनवासी अपने परिवार के साथ लहुआर गांव के ईट भट्ठे पर करीब 3 माह पूर्व काम करने आया था। आग लगने का कारण स्पष्ट नही हो पाया है। आग लगने से तीन बच्चों कि मौत हो गयी है। घटना में पत्नी भागरथी देवी भी झुलस गयी है। जिसका इलाज वाराणसी में चल रहा है। वर्तमान समय मे जांच चल रही है।