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तीन चरणों में वृहद स्तर पर चलेगा ‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’ अभियान

गाजीपुर। साल 2025 तक क्षय रोग को जड़ से खत्म करने के लिए राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत ‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’ एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान शनिवार से शुरू किया जा चुका है । यह अभियान तीन चरणों में 25 जनवरी 2021 तक चलाया जाएगा जिसका प्रथम चरण शुरू से शुरू होकर 1 जनवरी तक चलेगा । इसके लिए जनपद में माइक्रो प्लान बना लिया गया है। इसी के तहत शनिवार को जनपद के महुआ बाग स्थित वृद्धा आश्रम और सैदपुर स्थित नारी निकेतन में अभियान की शुरुआत की गई जिसके तहत वृद्धा आश्रम से 4 लोगों का सैंपल लिया गया जबकि 30 लोगों की स्क्रीनिंग की गई । इसके साथ ही नारी निकेतन सैदपुर में 8 लोगों का सैंपल लिया गया।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर के के वर्मा ने बताया कि प्रथम चरण में चलने वाले कार्यक्रम के लिए माइक्रो प्लान बना लिया गया है। जिसके तहत 26 और 27 दिसंबर को वृद्धा आश्रम 28, 29 व 30 दिसंबर को जिला जेल,31 दिसंबर को बाल सुधार गृह एवं 1 दिसंबर को जनपद के समस्त मदरसा एवं जवाहर नवोदय विद्यालय में इस कार्यक्रम को चलाया जाएगा।यह अभियान एक महीने तक तीन चरणों में चलेगा । अभियान में छिपे हुये टीबी के मरीजों को खोजा जाएगा। इसके साथ ही एचआइवी एवं डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों की टीबी की जांच की जाएगी । निजी चिकित्सकों, निजी लैब एवं मेडिकल स्टोर में भी एसीएफ़ चलाया जाएगा तथा उन्हें टीबी संबंधित जानकारी भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में बांटा गया है। प्रथम चरण में 26 दिसम्बर से 01 जनवरी तक  दूसरे चरण में 02 जनवरी से 12 जनवरी तक जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की मलिन एवं हाई रिस्क जनसंख्या में क्षय रोग के मरीजों को खोजने के लिए एसीएफ़ अभियान चलाया जाएगा जिसमें जनपद की कुल आबादी के 20 प्रतिशत जनसंख्या की टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी। तीसरे चरण में 13 जनवरी से 25 जनवरी तक जनपद के समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सकों, निजी लैब व मेडीकल स्टोर से संपर्क स्थापित कर एसीएफ़ अभियान चलेगा और उन्हें क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन करने के निर्देश दिए जाएंगे।

जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथिलेश सिंह ने बताया कि  अभियान का मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक क्षय रोग की उपलब्ध सुविधाओं को आम जनमानस तक पहुंचाना है। यदि किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, खांसते समय खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन का कम होने की शिकायत हो तो वह तत्काल अपने बलगम की जांच कराए। जनपद में क्षय रोगियों की जांच एवं उपचार पूर्णतया नि:शुल्क उपलब्ध है। उन्होने बताया कि जनपद में जनवरी 2020 से अब तक कुल 2630 टीबी रोगियों को नोटिफ़ाई किया गया है। जिसमें पब्लिक सेक्टर में 2266 एवं प्राइवेट सेक्टर में 364 क्षय रोगियों को नोटिफ़ाई किया गया है। वर्तमान में जनपद में 2630 क्षय रोगियों का उपचार चल रहा है ।

आशा और आंगनबाड़ियों  के साथ ही एएनएम के द्वारा घर-घर जाकर किया जाएगा सर्वे।अभियान के तहत लोगों को बताया जाएगा कि यदि दो हफ्ते से अधिक खांसी है, तो जरूर जांच करवाएं। साथ ही टीबी के लक्षण के बारे में भी अवगत कराया जाएगा। मरीज मिलने के बाद डॉट्स सेंटर से भी उन्हें जोड़ा जाएगा।

इलाज के दौरान मरीज को मिलेंगे हर माह 500 रुपए

निक्षय पोषण योजना के तहत नये मरीज मिलने के बाद उन्हें इलाज के दौरान 500 रुपए प्रति माह सरकारी सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह 500 रुपए पोषण युक्त भोजन के लिए दिया जाएगा। एक मरीज को छह महीने तक दवा चलती है। मरीज के ठीक होने के बाद यह राशि बंद कर दी जाएगी।