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गोल्डेन कार्ड के जरिये लाभार्थियों को मिल रहा निःशुल्क इलाज

गाजीपुर। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें लाभार्थी परिवार को पाँच लाख रुपये तक के नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी गई है जिसके लिए लाभार्थी परिवार को गोल्डन कार्ड बनवाना अनिवार्य है। इसी के मद्देनजर जनपद में 19 दिसंबर से 30 दिसंबर तक जिन लाभार्थी परिवारों के एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं, उनके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत अब तक 5216 कार्ड बनाए जा चुके हैं।

आयुष्मान भारत योजना के जिला सूचना प्रणाली प्रबन्धक अमित उपाध्याय ने बताया कि छूटे हुये लाभार्थी परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने के लिए यह अभियान 19 दिसंबर से चलना था। लेकिन लाभार्थियों से जुड़ा डाटा समय से पूर्व मिल जाने से 10 दिसंबर से ही यह कार्य शुरू कर दिया गया था । उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत 65000 लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 5216 गोल्डेन कार्ड बनाए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में ग्रामीण इलाकों में लोग अपने खेत खलिहान के कामों में जुटे हुए हैं जिसकी वजह से लगातार जागरूकता कार्यक्रम करने के बाद भी लोग गोल्डन कार्ड कैंप तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर जहां पर कुल 665 लाभार्थी परिवार हैं जिसके लिए लगातार 10 दिन कैंप करने के बाद भी सिर्फ 300 परिवार के ही गोल्डेन कार्ड बन पाये हैं ।
एक नजर जनपद के आंकड़ों पर –
जनपद में आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.57 लाख परिवार लाभार्थी हैं जिसके सापेक्ष अब तक 59851 परिवारों के 147493 गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। योजना के तहत अभी तक 7025 लाभार्थियों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है जिसमें से 4421 लोगों ने जनपद में लाभ लिया है और बाकी लोगों ने जनपद के बाहर इस योजना का लाभ उठाया है।
यह कहना है लाभार्थियों का –
यूसुफपुर मोहम्मदाबाद की निवासी गुलाबी देवी (65) ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड मिलने पर हाल ही में मोतियाबिंद का निःशुल्क ऑपरेशन हुआ है जिसके लिए वह काफी दिनों से परेशान रहा करती थीं। एक अन्य लाभार्थी अहिरौली निवासी हीरालाल (55) ने बताया कि उनकी आंखों में मोतियाबिंद हो जाने की वजह से कम दिखता था और आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था। लेकिन पिछले दिनों उनके गांव में कैंप लगाकर गोल्डन कार्ड बनाया गया और उसी गोल्डन कार्ड की मदद से 25 दिसंबर को निःशुल्क ऑपरेशन हुआ ।