गाज़ीपुर। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) पर जनपद में कुष्ठ निवारण दिवस मनाया गया । शनिवार से शुरू होकर 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रशिक्षण भवन में जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ प्रगति कुमार ने आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया । इस दौरान उन्हें बताया गया कि 31 जनवरी से शुरू होने वाले पल्स पोलियो कार्यक्रम के दौरान घर-घर भ्रमण कर पोलियो के साथ ही कुष्ठ रोगियों के बारे में भी जानकारी दें और समुदाय को जागरूक करें।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि कुष्ठ, एक वैक्टीरिया (लेप्रा बेसीलाई) के कारण होता है। कुष्ठ रोग के कारण प्रभावित अंगों में अक्षमता एवं विकृति आ जाती है, इसलिए छिपे हुए रोगियों को जल्द से जल्द खोजकर जांच व उपचार कर कुष्ठ रोग का प्रसार रोका जा सकता है और सामाज को कुष्ठ मुक्त कर सकते हैं। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत रैली, ग्राम एवं स्कूल भ्रमण कर संभावित रोगियों की खोज, ग्राम सभा में शपथ एवं घोषण पत्र का वाचन किया जाएगा। इसके बाद 17 फरवारी से 29 फरवरी तक सर्वे टीम घर-घर सर्वे का कार्य करेगी । पांच मार्च तक संभावित रोगियों का उपचार किया जाएगा।
कुष्ठ रोग एक सामान्य चर्म रोग
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि कुष्ठ रोग एक सामान्य चर्म रोग है, जो वैक्टीरिया (लेप्राबेसिलाई ) से होता है। ऐसे व्यक्ति जिसमें कुष्ठ रोग के लक्षण है और जो एक भी बार उपचार (एमडीटी) दवा नहीं लिए हैं। ऐसे व्यक्ति के लगातार संपर्क में रहने से दूसरा व्यक्ति प्रभावित हो सकता है। दो से पांच साल बाद जिस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होती है, उसके शरीर में कुष्ठ के लक्षण दिखाई देते है। कुष्ठ रोग के लक्षण-चमड़ी में चमड़ी से हल्के रंग, लालिमापन दाग का होना जिसमें सुन्नपन हो। तंत्रिकाओं का प्रभावित होना एवं प्रभावित अंग में सुन्नपन, सूखापन, मोटापन सूजन आ जाती है । दवा लेने से कुष्ठ रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है। कम जीवाणु (एक से पांच दाग) होने पर छः माह का उपचार व दवा दी जाती है। अधिक जीवाणु होने पर (पांच दाग से अधिक) मरीज को एक साल का दवा दी जाती है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोगी के मिलने पर इनके घर के चारों तरफ दवा का वितरण किया जाता है ताकि आस-पास के लोगों में यह रोग न फैले।
उन्होंने बताया कि जनपद में दिसंबर 2020 तक कुल 169 सक्रिय कुष्ठ रोगियों को चिन्हित किया गया था जिसमें 64 कम लक्षण वाले और 105 मल्टी लक्षण वाले मरीज पाए गए थे। इन मरीजों में तीन बच्चे भी शामिल है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग के चलते दिव्यांगता होने पर विभाग की ओर से निःशुल्क एमसीआर चप्पल का वितरण किया जाता है। साथ ही सेल्फ केयर किट भी दिया जाता है। इसके अलावा दिव्यांगता की स्थिति में मरीज को 2500 रुपए प्रतिमाह का पेंशन आजीवन दिया जाता है।
प्रशिक्षण में जिला पर्यवेक्षक जे पी सिंह, जिला एन एम ए जितेंद्र कुमार ,अखिलेश कुमार, अभय कुमार, आर पी शर्मा, शशि भूषण सिंह के साथ ही यूनिसेफ के धर्मेंद्र तिवारी भी मौजूद रहे।