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तिरंगा जुलुस निकालकर मनाया गया रजत जयंती

जमानियां। सम्राट अशोक क्लब की ओर मंगलवार को आयोजित लटिया महोत्सव कई मायनों में अहम रहा। क्लब के 25 वीं संगीति के अवसर पर रामलीला मैदान में सीओ हितेंद्र कृष्ण नेे राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद नगर में तिरंगा जुलुस निकालकर लटिया महोत्सव का रजत जयंती मनाया गया।

लटिया गांव कार्यक्रम स्थल स्तंभ के नीचे पंचशील दीप प्रवज्जलवन तथा क्लब ध्वजारोहण किया गया। आयोजको द्वारा अतिथियों को अंग वस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।
मुख्य अतिथि जापान से पहुंचे परम पूज्य धम्म गुरु जेनशोई तारासोवा ने कहां की भगवान बुद्ध के संदेशों ने दुनिया का बहुत कल्याण किया है। सम्राट अशोक क्लब  भगवान बुद्ध के संदेशों एवं सम्राट अशोक के लोक कल्याणकारी नीतियों को घर घर पहुंचा रहा है जो सराहनीय है। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को हर धर्म के धर्मग्रंथों को पढ़ने एवं उसके लोक कल्याणकारी सार अंशो को अपने जीवन मे अमल करने की इजाजत देता है। साथ ही साथ राष्ट्र की एकता और अखण्डता एवं आपसी भाई चारा को अपने कार्यो एवं बयानों से अपमानित एवं खंडित करने की इजाजत नही देता। किसी संप्रदाय विशेष के धर्मग्रंथ को भारत के नागरिकों पर थोपा नही जा सकता है। पूज्य धम्म गुरु भन्ते धम्म सरन ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए बौद्धिक स्वतंन्त्रता अनिवार्य है। भारतीय संविधान की मूलभावना का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्त्यब है। गौतम बुद्ध ने अपने जीवन में कई ऐसे अनमोल उपदेश दिए है। जिनको मानने से आप अपने जीवन में कई सफलताओं को प्राप्त कर सकते है। बुद्ध के हर एक उपदेश हमें कुछ न कुछ सिखाती है।जिससे आपको जिंदगी में सीखने को बहुत कुछ मिलेगा।भगवान गौतम बुद्ध ने कहा है कि हम वही बनते है जो हम सोचते है। जिस तरह कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम करता है, तो उसे कष्ट ही मिलता है। यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह खुशी उसका साथ कभी नहीं छोडती। हमेशा हमें अपना काम करना चाहिए। कभी भी भविष्य के बारें में नहीं सोचना चाहिए। परिश्रम करते समय अपने अतीत पर नहीं उलझना चाहिए। बस जिस समय जो काम कर रहे हो उसी काम पर लगा रहना चाहिए। इसी से आपको खुशी मिलेगी।सम्राट अशोक क्लब द्वारा आयोजित लटिया महोत्सव का यह कार्यक्रम देश की एकता एवं अखंडता को बनाये रखने की बात कहती है।मुख्य वक्त्ता डॉ सच्चितानंद मौर्य ने कहा कि आज यह देश जिस संविधान से चलता है आज उसी देश के अधिकतर नागरिक अपने संविधान के बारे में नहीं जानते।आज समाज में धार्मिक उन्माद जैसा माहौल बना हुआ है ऐसे में सम्राट अशोक के लोक कल्याण नीतियों का प्रासंगिता बढ़ गयी है। इस मौके पर डॉ रविन्द्र मौर्य, भीष्म कुमार, शत्रुघ्न सिंह शक्य, जीवन दीप सिंह,गिरजा मौर्य, धनंजय मौर्य, संतोष कुशवाहा, कृष्णा सिंह, संजय सिंह,आजाद सिंह आदि रहे। अध्यक्षता डा दीनानाथ मौर्य व संचालन प्रवीण मौर्य ने किया।