गाजीपुर। वरिष्ठ कोषाधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि 11.02.2014 में शासन द्वारा दिये गये निर्देश के अनुपालन में आपको अवगत कराना है कि शासन के मंशा के प्रतिकूल प्रायः अधिकाशंतः विभागों के आहरण वितरण अधिकारीगणो द्वारा बजट रहने के बावजूद भी देयक समयातंगर्त कोषागार मे प्रस्तुत नहीं किये जाते है। जिससे वित्तीय वर्ष के अंत में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
सूच्य है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के समाप्ति होने मे लगभग 08 सप्ताह शेष है इस अल्प अवधि में विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं/ कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा आवंटित धनराशि का नियमानुसार उपभोग सुनिश्चित करते हुए लक्ष्यों की शत- प्रतिशत पुर्ति सुनिश्चित की जानी है। अतएव उपर्युक्त के दृष्टिगत आप अपने विभाग के अंतर्गत संचालित समस्त योजनाओं/ कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा आवंटित धनराशि के उपभोग की स्थिति का अपने स्तर से ससमय समीक्षा कर यह सुनिश्चित कर लें कि वित्तीय वर्ष के समाप्ति से पूर्व ही योजनावार आवंटित धनराशि का नियमानुसार शत-प्रतिशत उपभोंग करते हुए निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति कर लिया जाए, ताकि धनराशि लैप्स न हों। यह ध्यान रहें कि यदि आवंटित धनराशि किसी भी दशा मे लैप्स होती है, तो इसके लिए संबधित कार्यालयाध्यक्ष/ आहरण वितरण अधिकारी स्वयं उत्तरदायी होगें। उक्त के दृष्टिगत समस्त आहरण वितरण वितरण अधिकारी द्वारा 11.02.2014 के क्रम में माह जनवरी- 2021 तक प्राप्त बजट के सापेक्ष देयक माह 02-2021 तक तथा माह फरवरी व मार्च में प्राप्त बजट के सापेक्ष देयक विलम्बतम 25.03.2021 तक कोषागार में अवश्य प्रस्तुत कर दियें जायें। तत्पश्चात केवल वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंत मे बजट आवंटन के सापेक्ष ही देयक कोषागार में स्वीकार किये जायेंगे। उक्त निर्देश के अनुपालन न करने की स्थिती मे किसी धनराशि के व्यपगत होने पर संबधित आहरण वितरण अधिकारी स्वयं उत्तदायी होगें।