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राजाराम शास्त्री ने ग्यारह हजार की धनराशि राममंदिर हेतु किया दान

जमानियां। भारतीय संस्कृति में दान का महत्व जगत विख्यात है कहा भी गया है ‘ तुलसी पक्षिन के पिए घटे न सरिता नीर, दान किए धन न घटे जो सहाय रघुवीर ‘उन्हीं रघुवीर के मंदिर में ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपए की धनराशि दान कर मंदिर निर्माण में सहभागी बने हैं जनपद जौनपुर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक राजाराम शास्त्री।

भारतीय सनातन समाज में दान की परम्परा रही है जो किसी न किसी रूप में समाजोपयोगी कार्यों में सद्गृहस्थ अपनी गाढ़ी कमाई का कुछ अंश अपना कर्तव्य मानकर लगाते रहे हैं। इसी भावना और सात्विक परम्परा को नैतिक नियम मानते हुए सेवा निवृत्त शिक्षक राजाराम शास्त्री ने श्री जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में मंदिर निर्माण हेतु यह धनराशि समर्पित की।ध्यातव्य है कि शास्त्री जी सेवा निवृत्ति के बाद अपने पुत्र और हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय जमानियां गाज़ीपुर में रसायनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार के साथ जमानियां में रहते हैं। सादा जीवन उच्च विचार,आदर्श आचार संहिता में जीवन व्यतीत करते हुए अपने सेवा संकल्प से आपने तमाम विद्यार्थियों को ज्ञान रंजन कर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने में अपनी महनीय भूमिका निभाई है।प्रभु राम आपको स्वस्थ,सुखी संपन्न रखें ऐसी कामना ऐसी काशी प्रांत के संगठन मंत्री एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विस्तारक सुनील कुमार चौरसिया ने दान राशि प्राप्त कर की है।