गाजीपुर। कालाजार से जनपद के पाँच ब्लॉक के सात गांव प्रभावित हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से सजग है। विभाग द्वारा इन गांवों में कालाजार से बचाव के लिए 15 फरवरी से 18 मार्च तक प्रभावित इलाकों में छिड़काव का कार्य शुरू कर दिया है। इसको लेकर पूर्व में मलेरिया विभाग और पाथ संस्था के द्वारा प्रभावित गांव में तैनात कर्मचारियों और क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है।
एसीएमओ और नोडल अधिकारी डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि मरदह ब्लॉक का बहुतरा, कासिमाबाद का सिपाह मनेरिया, बाराचवर ब्लॉक का मुबारकपुर जुगनू और सहरेजा, मोहम्मदाबाद ब्लाक का फैजुल्लापुर और रघुवर गंज, गोड़उर ब्लाक का गोड़उर गांव कालाजार प्रभावित है। इन गांवों में रोस्टर के हिसाब से 15 फरवरी से छिड़काव शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि छिड़काव का यह कार्य साल में दो बार सिंथेटिक पायरेथ्राइड (5%) से कराया जाता है। प्रथम चक्र फरवरी से मार्च एवं द्वितीय चक्र सितंबर में कराया जाता है।
डॉ सिन्हा ने बताया कि कालाजार को काला ज्वर भी कहा जाता है। यह एक गंभीर रोग है जोकि परजीवी से फैलता है। इसे एक धीमी गति से फैलने वाला स्थानीय रोग भी कहते है। इसका वायरस या परजीवी सीधे शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है। इसके साथ-साथ प्लीहा को भी क्षति पहुंचाता है | इसके लक्षण के बारे में उन्होने बताया कि बार-बार बुखार का आना या फिर शरीर में हल्का बुखार हमेशा बने रहना। इसके मुख्य लक्षणों में से एक है भूख और वजन में लगातार कमी होना। लीवर का आकर सामान्य से बड़ा हो जाना | त्वचा में दाद जलन रैशेष या फिर सूखापन का होना भी इसके मुख्य लक्षणों में गिना जाता है। कुछ रोगियों को कई बार इस बीमारी के साथ कोई अन्य बीमारी भी हो जाती है जिससे इसके लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने बताया कि साल 2019 में कालाजार के 8 मरीज मिले थे जिनका विभाग के द्वारा इलाज किया गया। सभी स्वस्थ हो चुके हैं। इसके अलावा साल 2020 में एक मरीज मोहम्मदाबाद ब्लॉक के रघुवर गंज फैजुल्लापुर में मिला था जिसका इलाज विभाग के द्वारा किया गया और मौजूदा समय में पूर्ण रूप से स्वस्थ है। इन लोगों के इलाज के बाद मिलने वाली सहायता राशि 500 रुपये विभाग के द्वारा उनके खाते में ट्रांसफर कर दी गयी है।