गाजीपुर। 22 मार्च 2020 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक दिन के जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था। इसके बाद 25 मार्च 2020 से आया था लॉकडाउन, जो लंबे समय तक चला । इस कठिन समय ने लोगों को कड़े सबक भी दिए। एक बार फिर से कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। लोगों ने इस वैश्विक महामारी से जो सबक सीखे थे, वो उनसे किनारे करने लगे हैं, जो कि शुभ संकेत नहीं हैं। ऐसे में कोरोना से मौजूदा समय में बचाव करना बहुत ही जरूरी हो गया है ना सिर्फ स्वयं के लिए बल्कि अपने परिजनों के लिए भी जिसको लेकर शासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा भी लगातार सामाजिक दूरी और मास्क लगाने का निर्देश दिया जाता रहा है।
चीन के वुहाना से शुरू हुई वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाया। लोगों ने इसका पालन भी किया और आज भी कर रहे हैं। मास्क और सैनेटाइजर ने भी इस कोरोना काल में अपनी अलग जगह और पहचान बनाई। लोग संक्रमण से बचने को लेकर मास्क लगाकर चलने लगे। सैनेटाइजर का भी जमकर प्रयोग किए जाने लगे। उतार-चढ़ाव से भरे इस कठिन समय ने लोगों की जीवनशैली को बदल दिया।
एसीएमओ डॉ के के वर्मा ने बताया की कोरोना काल में एक-एक दिन मुश्किल से काटने वालों को कोरोना वैक्सीन का इंतजार था। वैक्सीन आ चुकी है और जिले में टीकाकरण भी शुरू हो गया है। अभी वैक्सीन हेल्थ केयर, फ्रंट लाइन वर्कर्स के बाद 60 से ऊपर के बुजुर्गों और 45 से 59 साल के गंभीर मरीजों को दी जा रही है। लेकिन एक बार फिर से कोरोना का खतरा बढ़ने लगा है। लोग भी लापरवाह हो रहे हैं, जिसकी वजह से आने वाले दिनों में कोरोना को लेकर कड़े नियम-कानून बन सकते हैं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि कोरोना से दो-दो हाथ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग शासन के निर्देश पर लगातार टीकाकरण का कार्य करा रहा है जिस के क्रम में सबसे पहले 14222 स्वास्थ्य कर्मी को रजिस्टर्ड किया गया। जिसमें से 10749 लोगों ने अपना टीकाकरण कराया। इसके पश्चात फ्रंटलाइन वर्कर 11307 ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया जिसमें से 9439 लोगों ने वैक्सीनेशन कराया। वहीं अगर मौजूदा समय की बात करें तो जनपद में 60 साल से ऊपर और 45 साल से 59 साल तक के गंभीर रोगों से पीड़ित व्यक्ति जिनकी संख्या जनपद में शासन ने 91812 का टारगेट दिया है। लेकिन अभी तक मात्र 32708 लोगों का टीकाकरण कराया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में एक बार फिर से देश में कोरोना बढ़ने का मामला सामने आ रहा है। जिसको लेकर विभाग ने भी अब कमर कस लिया है। इसी क्रम में 24 मार्च को जिला कारागार में बंद 60 साल से ऊपर के कैदियों का टीकाकरण किया जाएगा। इसके पूर्व सभी कैदियों का आरटी पीसीआर जांच भी किया जा चुका है ।साथ ही उन्होंने बताया कि 1 मार्च से 21 मार्च तक जनपद के विभिन्न सेंटरों पर 21954 लोगों की जांच की गई है। जिसमें 28 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं।
घर पर ही रखे बड़े बुजुर्गों का ध्यान
घर के बूढ़े-बुजुर्गों का ख्याल रखे, यह किसी भी घर की रौनक होते हैं। जिंदगी-मौत तो ऊपर वाले के हाथ में है, लेकिन अचानक चलते-फिरते किसी का यूं चले जाना खल जाता है। कोरोना जैसी महामारी में हर किसी की जिम्मेदारी बन जाती हैं कि वो अपने घरों के बुजुर्गों का खास ख्याल रखें। अब तो टीका भी आ चुका है, इसलिए टीकाकरण में भी कराएं। यह कहना ऐसे परिवारों का है, जिन्होंने कोरोना महामारी में अपनों को खो दिया। हालांकि ऐसे परिवार अपनी पहचान को उजागर नहीं करना चाहते। जनपद के ही एक परिवार ने इस वैश्विक महामारी में अपने पिता को खो दिया। उन्हें अफसोस है कि वो चाहकर भी आखिरी वक्त में उनकी खिदमत नहीं कर सके। कोरोना वार्ड में भर्ती के समय दूर से ही देखकर खुद को तसल्ली देते रहे, मगर एक दिन ऐसा भी आया जब पिता की सांसें उखड़ गई। उस दिन को आज भी याद करते हैं तो दिल बैठ जाता है।