जमानिया। राधा-माधव ट्रस्ट सब्बलपुर में आयोजित देवी भागवत पुराण कथा का विराम करते हुए भागवताचार्य चंद्रेश महाराज ने कहा कि मां भगवती की वैसे तो संसार में विद्यमानता अनेक रूपों में है और यदि यह कहें तो भी गलत नहीं होगा कि जो कुछ भी चर एवं अचर दिखाई दे रहा है वह सब कुछ देवी का ही स्वरूप है।
समस्त संसार की हलचल के पीछे भी मां भगवती की शक्ति ही कारण रुप है। यदि जीव अपनी किसी उपलब्धि के पीछे अपनी ही बुद्धि, बल या किसी अन्य वस्तु अथवा व्यक्ति को ही श्रेय देता है और इसी भ्रम के कारण वह अहंकार का भाव पाल बैठता है तब यही अहंकार उसके पतन का कारण बनता है। अग्नि संसार को जलाने में सक्षम है, वायु का वेग बड़े से बड़े पहाड़ को भी उड़ा सकने में सक्षम है परन्तु इन दोनों को और इन जैसे अनेकों को ऐसी क्षमता जिससे प्राप्त हुई है उसी को पराम्बा आदिशक्ति जगतजननी मां भगवती कहते हैं, जिसके अनेक नाम और स्वरुप हैं।आज विश्व कल्याण की कामना से कथा विराम के बाद हवन, आरती का आयोजन भी किया गया तथा बहुत से भक्तों को प्रसाद ग्रहण कराया गया। इस अवसर पर डा०अरविन्द राय, पारस प्रजापति, गंगा यादव एवं राजकुमार राय की उपस्थिति रही।