गाजीपुर। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने सूचित किया है कि प्रायः यह देखा जा रहा है कि किसी- किसी कार्यालय की पत्रावलियॉ उनके कार्यालय से डिस्पैच होकर दूसरे कार्यालय में कब भेजी जा रही है, इसका अंकन पत्रावली पर नहीं पाया जा रहा हैं।
जिसके कारण यह ज्ञात नहीं हो पा रहा है कि अमुक पत्रावली कहॉ पर और किसके स्तर पर कितने दिन तक रूकी रही और अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में कई दिनों के पश्चात काफी विलम्ब से प्रेषित की जा रही है। यह कार्यालय संस्कृति के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने इसके सम्बन्ध में निर्देशित किया है कि समस्त कार्यालयाध्यक्ष यह सुनिश्चित करायें कि अधोहस्ताक्षरी के यहॉ प्रेषित किये जाने से पूर्व पत्रावली जिस कार्यालय में प्रेषित की जा रही है तथा वहॉ से कब डिस्पैच किया गया है इस आशय की मुहर बनवाकर पत्रावली पर लगाया जाय। यदि भविष्य मे बिना मुहर लगी हुई पत्रावली अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय में प्रस्तुत की जाती है तो उसे गम्भीरता से लेते हुए सम्बन्धित कार्यालय के आशुलेखक/ पटल सहायक को दोषी मानते हुए उनका वेतन अग्रिम आदेश तक आहरित नहीं किया जायेगा।