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कोविड-19 के दृष्टिगत न्यायालय के परिचालन हेतु दिशा-निर्देश जारी

ग़ाज़ीपुर। प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण /सिविल जज (वरिष्ठ सवर्ग) घनश्याम शुक्ल ने सूचित किया है कि उच्च न्यायालय निर्देशानुसार एंव जनपद न्यायाधीश  प्रशान्त मिश्र के आदेशानुसार कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत न्यायालय के परिचालन हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गये है।

उन्होने बताया कि मुख्यालय स्थित समस्त न्यायालय व बाह्य न्यायालय मोहम्मदाबाद व सैदपुर में सभी प्रशासनिक व न्यायिक कार्य सिवाय साक्ष्य अंकित किये जाने के, किये जायेगें, साक्ष्य का अंकन प्रत्येक मामले में जनपद न्यायाधीश के अग्रेत्तर आदेश के अधीन होगा। न्यायालय/कार्यालय का कार्य समाप्त होने के तत्काल बाद सभी न्यायिक अधिकारीगण व समस्त कर्मचारीगण न्यायालय परिसर से बाहर चले जाएगें, समस्त न्यायालय के पीठासीन अधिकारियों द्वारा यह प्रयास किया जाएगा कि न्यायालय में कम से कम वादकारीगण/अधिवक्ता की उपस्थिति एक समय में न्यायालय की कार्यवाही के दौरान हो तथा इस संबंध में सामाजिक दूरी हेतु निर्गत दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाये। न्यायालय के पीठासीन अधिकारी, जब तक कोई पक्षकार किसी बीमारी से ग्रसित न हो, उन्हें न्यायालय में आने से नहीं रोकेगें, परन्तु न्यायिक अधिकारीगण को न्यायालय में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश करने से रोकने का अधिकार होगा।
जिला मजिस्ट्रेट व अनय प्रशासनिक अधिकारीगण व मुख्य चिकित्साधिकारी के सहायेाग से न्यायालय में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों की थर्मल स्केंनिंग से जॉच करायी जायेगी।
प्रत्येक न्यायिक अधिकारी द्वारा सर्वाेच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय द्वारा न्यायिक क्षेत्र में निर्गत सभी दिशा-निर्देशों व केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा कोविड -19 के संबंध में निर्गत दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जायेग। कोविड सुरक्षा समिति जो जनपद न्यायाधीश महोदकय के आदेश से गठित की गयी है, द्वारा न्यायालय परिसर के सेनेटाइजेशन व धर्मल स्केनिंग आदि के संबंध में प्रतिदिन की रिपोर्ट जनपद न्यायाधीन के कार्यालय को प्रेषित की जाएगी। कम्प्यूटर सेक्शन द्वारा एक हेल्पलाइन नम्बर अधिवक्ता व वादकारीगण को सहायतार्थ उपलब्ध कराया जायेगा जिसका प्रकाशन जनपद न्यायालय की वेबसाइट पर कराया जायेगा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गाजीपुर को निर्देशित किया गया है कि मजिस्ट्रेट न्यायालय से सम्बन्धित प्रकरण मेें विडियो का्रॅन्फ्रेसिंग से विचाराधीन बन्दियों के रिमाण्ड कार्य हेतु अपने स्तर से सम्बन्धित मजिस्ट्रेट की ड्यूटि जनपद न्यायाधीश को अवगत कराते हुए जलाया जाना सुनिश्चित करे।