जमानियां। जब हमारा परिवेश संतुलित होगा तभी हमारा जीवन भी स्वस्थ होगा। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रकृतिप्रेमी रमेश सिंह यादव ने अपने क्षेत्रों में गौरैया बचाने का बेड़ा उठाया है। श्री यादव गौरैया के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं और घर- घर जाकर उसके रहने के लिए घोसले बाँट रहे हैं। वे कहते हैं कि अपने घर आँगन की गौरैया जब संकट में घिर आई तो उसे बचाने के लिए हमें हर सम्भव प्रयास करना होगा क्योंकि यह हमलोग से पूरी तरह जुड़ी पक्षी है।
मकान पक्के बन जाने के कारण उसे घोसला बनाने में परेशानियां हो रही है। फसलों में बेहिसाब कीटनाशकों का प्रयोग मानव जीवन के साथ गौरैया को भी घातक साबित हो रहा है। गौरैया का हमारे परिवेश से गहरा नाता है। हमारे खेती में भी हानिकारक कीड़ों का सफाया करती है। श्री यादव पिछले आठ वर्षों से 20 मार्च को गौरैया दिवस पर जागरूकता रैली, गोष्ठी आदि का आयोजन भी करते आ रहे हैं। इस वर्ष मुख्य दिवस के बाद अब घर घर जाकर घोसले बाँट रहे हैं और इस भीषण गर्मी में मिट्टी के बर्तनों में पानी भरकर रखने की अपील कर रहे हैं।